"मुजफ्फरनगर के इमाम ने एमएनसी में काम करने वाली युवती को ऑनलाइन निकाह से फंसाया, मेरठ में हुई हत्या"
मेरठ/मुजफ्फरनगर। गुवाहाटी की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में कार्यरत युवती नईमा यास्मीन सैकिया की हत्या के मामले में मुजफ्फरनगर के हत्यारोपी इमाम शहजाद की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले राज सामने आए हैं। शहजाद ने खुद को बड़ा कपड़ा कारोबारी बताकर नईमा को प्रेम जाल में फंसाया और फिर दूसरी शादी की थी। नईमा का शव 48 दिन पहले मेरठ में मिला था, जिसकी शिनाख्त के बाद पुलिस ने दो दिन पहले हत्याकांड से पर्दा उठाया।
गुवाहाटी में रहने वाली नईमा की बड़ी बहन मीनार यास्मीन ने इमाम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मीनार ने बताया कि नईमा की पहले शादी हुई थी, लेकिन जानवर प्रेम के चलते तलाक हो गया था। नईमा 'पेट लवर' थीं और दिल्ली के एक एनिमल वेलफेयर एनजीओ से जुड़ी थीं।
शहजाद 2024 में इसी एनजीओ के जरिए नईमा के संपर्क में आया। उसने खुद को 'कैट लवर' बताकर और जानवरों के विषय पर बात करके नईमा को प्रभावित किया। शहजाद ने खुद को ग्रेजुएट और अविवाहित बताया, जबकि वह पांचवीं पास था, पहले से शादीशुदा था और तीन बच्चों का पिता था। वह मुजफ्फरनगर की एक मस्जिद में इमाम था और मस्जिद के आसपास के दान पर उसका गुजारा चलता था।
ऑनलाइन निकाह और धोखे का खुलासा
मीनार ने बताया कि शहजाद ने खुद को दिल्ली का एक बड़ा कपड़ा कारोबारी बताया था। शहजाद के ब्रेनवाश के बाद नईमा उस पर पूरी तरह विश्वास करने लगी। 22 सितंबर 2024 को दोनों ने ऑनलाइन निकाह कर लिया।
कुछ दिनों बाद नईमा, शहजाद के साथ गुवाहाटी पहुंची, जहाँ उसने परिवार के लोगों से मुलाकात की और उनके गुस्से को शांत किया, हालांकि माता-पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।
करीब तीन महीने तक दिल्ली में रहने और खुशहाल जिंदगी बिताने के बाद, शहजाद अपनी पत्नी नईमा को पुरखों का घर दिखाने के बहाने मुजफ्फरनगर ले गया। वहाँ पहुँचने पर नईमा के सामने सारा सच सामने आ गया। उसे पता चला कि शहजाद न तो कोई कारोबारी है और न ही ग्रेजुएट, बल्कि दान-खैरात पर गुजर-बसर करने वाला मस्जिद का इमाम है।
क्रूरता और हत्या
सत्य सामने आने के बाद नईमा परेशान हो गई जब उसे पति की पहली शादी और तीन बच्चों के बारे में पता चला। इसके बाद शहजाद उसके साथ क्रूरता करने लगा। वह उसकी सैलरी छीन लेता, सारी सेविंग्स खत्म कर दी और मारपीट भी करने लगा।
मीनार यास्मीन ने रोते हुए बताया, "मेरी बहन की बॉडी भी मुझे नसीब नहीं हुई। आखिरी बार अपनी लाड़ली बहन का चेहरा भी नहीं देख पाई। शहजाद, इमाम नहीं हो सकता, वो फरेबी, झूठा और मक्कार है।"
मीनार ने बताया कि नईमा के पास कुछ सोने के जेवर थे, जो अब तक नहीं मिले हैं। उसका मोबाइल फोन और ज़रूरी दस्तावेज़ (documents) भी गायब हैं। परिवार ने पुलिस से सभी सामानों और जेवरात की बरामदगी की मांग की है। पुलिस ने हत्याकांड से पर्दा उठाया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
