मेरठ में हवन-शोभायात्रा से हुआ शुभारंभ; राष्ट्रीय शिक्षा नीति में महर्षि व्यास की शिक्षाओं को जोड़ने की बात


संस्कृत विभाग के छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से शोभायात्रा निकाली। इसके बाद यज्ञ किया गया। यज्ञ के मुख्य यजमान संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा रहे। यज्ञ के पश्चात केंद्रीय संस्कृत विवि दिल्ली के शैक्षिक निदेशक प्रो. मदन मोहन झा और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं कवि प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्र ने 33 वर्षों से चली आ रही व्यास इस अद्भुत परंपरा का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत जगत के इतिहास में यह कार्यक्रम अपना विशिष्ट स्थान रखता है।
उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. शिवशंकर मिश्र, प्रो. विश्वनाथ स्वाईं और प्रो. मदनमोहन झा उपस्थित रहे।
संयोजक डॉ. नरेंद्र कुमार ने मंचासीन महानुभावों का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। समारोह की मार्गदर्शिका प्रो. पूनम लखनपाल ने अभ्यागत अतिथियों का कनकमंजरी से शाब्दिक स्वागत किया। प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी ने काव्य पाठ करते हुए श्रोताओं का मनमोह लिया।
प्रो. शिवशंकर मिश्र ने कहा कि व्यास समारोह के साथ उनका पुराना संबंध है। उन्होंने कई वर्ष पूर्व अपने छात्र जीवन में समारोह में आयोजित होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विशिष्ट अतिथि प्रो. विश्वनाथ स्वाईं ने भी आयोजन की गरिमा को अनूठा बताया। प्रो. भारतेंदु पांडेय ने समारोह की भव्यता के लिए शुभकामना दी। प्रो. मदनमोहन झा ने कहा कि महर्षि व्यास जी की शिक्षाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित करना आवश्यक है। उन्होंने वर्तमान शिक्षा के साथ महर्षि वेदव्यास एवं उनकी परंपरा को जोड़ने की बात कही। विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा ने अतिथियों एवं आगंतुकों का आभार जताया। संचालन डॉ. संतोष कुमारी ने कनकमंजरी छंद में किया।
