मुरादाबाद में हुई शब्दों की साधना: देशभर के साहित्यकारों को मिला सम्मान, काव्य और विमर्श से गूंजा सभागार

Moradabad News: मुरादाबाद में युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच उत्तर प्रदेश इकाई, महाराजा हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं साहित्यिक मुरादाबाद के संयुक्त तत्वावधान में तृतीय राष्ट्रीय साहित्य समारोह 2025 का सफल आयोजन हुआ। इस समारोह में देश के चालीस वरिष्ठ और युवा साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन के सभागार में चार सत्रों में संपन्न हुए इस कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन और लखनऊ से पधारे गीतकार मनीष मगन द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ।
साहित्य संवाद ने जीवंत की छायावाद परंपरा

इस दौरान राजेश कुमार सिंह श्रेयस के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास “अचानक डूबता सूरज उग आया” और मुहम्मद जावेद के काव्य संग्रह “काव्य कथा दर्पण” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रेयस ने किया और नंदकिशोर वर्मा जलदूत ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
विमर्श सत्र में गूंजे विचार और रचनाएं
द्वितीय सत्र के साहित्यिक परिसंवाद में महाकवि जयशंकर प्रसाद और छायावाद: एक युग का प्रवर्तन विषय पर डॉ. कविता कुमारी प्रसाद (प्रपौत्री जयशंकर प्रसाद) ने विचार रखे। राम स्नेही विश्वकर्मा सजल ने प्रसाद की रचनाओं का सस्वर पाठ किया। डॉ. महेश दिवाकर, डॉ. मनोज रस्तोगी, प्रियंका गुप्ता, अमन कुमार त्यागी एवं मयंक शर्मा ने विभिन्न विषयों पर विचार और प्रस्तुतियां दीं। अध्यक्षता डॉ. जयप्रकाश तिवारी ने की, जिन्होंने साहित्यिक चेतना के प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
काव्य और सम्मान सत्र बना आकर्षण का केंद्र
तृतीय सत्र में देशभर के साहित्यकारों को विविध श्रेणियों में सम्मानित किया गया। डॉ. मनोज रस्तोगी, डॉ. संदीप बडोला, नंदकिशोर वर्मा जलदूत, मोहम्मद जावेद और डॉ. काव्य सौरभ जैमिनी सहित दस साहित्यकारों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अलावा डॉ. विश्व अवतार जैमिनी युवा उत्कर्ष साहित्य कमल सम्मान 2025 तेरह साहित्यकारों को, मक्खन मुरादाबादी युवा उत्कर्ष साहित्य सम्मान 2025 उन्नीस रचनाकारों को और युवा उत्कर्ष शोधार्थी सम्मान 2025 दो शोधार्थियों - दुष्यंत कुमार और शिव शरण द्विवेदी को दिया गया।
काव्यांजलि सत्र में गूंजे मधुर स्वर
चतुर्थ सत्र काव्यांजलि में साहित्य की सुरमयी धार बहती रही। इस सत्र की अध्यक्षता नंदकिशोर वर्मा जलदूत ने की और मुख्य अतिथि डॉ. कृष्ण कुमार नाज़ रहे। विशिष्ट अतिथि श्री ओमप्रकाश शुक्ला (नई दिल्ली) एवं श्री हरीप्रकाश अग्रवाल (लखनऊ) रहे। संचालन मनीष मगन ने किया और शुरुआत रामसनेही विश्वकर्मा सजल की सरस्वती वंदना से हुई।
रचनाओं से सजी शाम, श्रोताओं ने सराहा
कार्यक्रम के अंतर्गत वीरेंद्र सिंह बृजवासी, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, योगेंद्र वर्मा व्योम, अखिलेश द्विवेदी, अनिल शर्मा, मृदुल कुमार सिंह, आयुष यादव, पीयूष सिंगर, धवल दीक्षित, विवेक निर्मल और दीपक गोस्वामी सहित अनेक कवियों ने अपने गीतों और मुक्तकों से वातावरण को भावपूर्ण बना दिया।
मंच पर प्रतिष्ठित अतिथियों में डॉ. नरेन्द्र कुरैचिया, श्री शैलेन्द्र कपिल, अमर कुमार श्रीवास्तव, अशोक विश्नोई, कृष्ण शुक्ला, राजीव प्रखर, फक्कड़ मुरादाबादी और नकुल त्यागी मौजूद रहे। आयोजन के अंत में डॉ. काव्य सौरभ जैमिनी, प्रबंधक महाराजा हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।