रामपुर एनकाउंटर: गोवंश तस्करी से लेकर नेपाल तक फैला नेटवर्क, जुबैर की आपराधिक दुनिया का हुआ खुलासा

Rampur Police Encounter: गोरखपुर छात्र हत्याकांड में वांछित कुख्यात गो-तस्कर और हिस्ट्रीशीटर जुबैर ने आत्मसमर्पण की तैयारी तो की थी, लेकिन पुलिस मुठभेड़ में उसकी आपराधिक दुनिया का अंत हो गया। जानकारी के अनुसार जुबैर शुक्रवार को रामपुर पहुंचा था ताकि किसी पुराने मुकदमे में जमानत रद्द करवाकर जेल जा सके, पर उससे पहले ही पुलिस टीम से मुठभेड़ हो गई।
गिरोह के 30-35 गुर्गों का जाल
इनामी बदमाश था जुबैर
गोरखपुर में नीट छात्र की हत्या के बाद जुबैर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। STF और SOG की बढ़ती दबिश के कारण उसने जेल जाकर खुद को सुरक्षित करने की योजना बनाई थी। लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने गिरोह के साथ लूटपाट और अन्य अपराधों की साजिश भी रच रखी थी।
रामपुर में हुई मुठभेड़, पुलिस पर की फायरिंग
शुक्रवार रात जुबैर अपने एक साथी के साथ बाइक पर सवार था। शहर के बाहर पुलिस ने घेराबंदी की तो उसने पिस्टल से पांच राउंड फायर किए। इसमें से दो गोली सीओ सिटी जितेंद्र कुमार की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी, जबकि अन्य गोलियों से एक दारोगा और सिपाही घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने जुबैर को ढेर कर दिया।
गोवंश तस्करी और नेपाल कनेक्शन
जांच-पड़ताल में सामने आया कि जुबैर प्रदेश के कई हिस्सों के अलावा ग्वालियर से गोवंशीय पशुओं को चोरी कर बिहार के सीवान में तस्करी करता था। पुलिस को उसके नेपाल जाने की जानकारी भी मिली है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि वह नेपाल छिपने जाता था या पशु तस्करी के बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
मजिस्ट्रियल जांच और फोरेंसिक टीम की पड़ताल
रामपुर पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। डीएम इस जांच के लिए अधिकारी नामित करेंगे। घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम को भेजा गया और मौके से पिस्टल व तमंचा बरामद किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
रामपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि जुबैर को दो गोलियां लगी थीं, एक उसके सीने में और दूसरी कंधे के पास। इस खुलासे ने मुठभेड़ की घटनाओं को और स्पष्ट कर दिया है।