20 करोड़ से नहीं, अब नियमों से चलेगा शिक्षा विभाग - 1289 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका, बीएसए अलका शर्मा की सख्त कार्रवाई


समग्र शिक्षा मद में गड़बड़ी हुई बड़ी वजह

सात दिनों में दें व्यय का लेखा-जोखा
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों की प्रगति पर नाराजगी जताते हुए बीएसए को चेतावनी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि अगले सात दिनों में प्रत्येक राशि का नियमसम्मत उपभोग सुनिश्चित किया जाए। इसके बाद बीएसए ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि जब तक प्रत्येक विद्यालय की स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) स्तर पर धनराशि का उपयोग कर उपभोग प्रमाणपत्र (Utilization Certificate) प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, तब तक संबंधित प्रधानाध्यापक और इंचार्ज शिक्षकों के वेतन पर रोक रहेगी।
परिषदीय शिक्षकों में मचा हड़कंप
इस आदेश के बाद परिषदीय विद्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है। जिन विद्यालयों की ग्रांट खर्च नहीं हुई, वहां अब रिकॉर्ड और बिलों को तैयार कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है। शिक्षकों में यह डर है कि यदि तय समय सीमा में कार्य पूरा नहीं हुआ, तो न केवल वेतन अटक सकता है बल्कि अतिरिक्त जांच भी बैठ सकती है।
जवाबदेही और पारदर्शिता की ओर शिक्षा विभाग
बीएसए अलका शर्मा का यह कदम विभाग में जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में देखा जा रहा है। इससे एक ओर जहां सरकारी योजनाओं के सही व्यय को लेकर गंभीरता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में वित्तीय अनुशासन भी स्थापित होगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में अनियमितताओं पर रोक लगेगी।