सहारा समूह को बड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों की याचिका की खारिज; PMLA के तहत कार्रवाई को बताया वैध
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कोर्ट ने ईडी की जांच को माना वैध
सहारा की चार सहकारी समितियों ने धनशोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी द्वारा की जा रही जांच की कार्यवाही को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि PMLA के तहत ईडी की जांच पूरी तरह वैध है और इसकी कार्यवाही जारी रखी जा सकती है।
इन समितियों ने दी थी चुनौती
जिन चार सहकारी समितियों ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी थी, वे इस प्रकार हैं:
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हुमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लि.
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सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लि.
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स्टार्स मल्टीपरपोज कोआपरेटिव सोसाइटी लि.
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सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपोज सोसाइटी लि.
सहारा समूह की इन सहकारी समितियों ने जुलाई 2024 में ईडी द्वारा की गई तलाशी और जब्तीकरण की कार्यवाहियों को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी।
लखनऊ पीठ का क्षेत्राधिकार
कोर्ट ने ईडी की उस आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि इस मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार लखनऊ पीठ में नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि समितियों का मुख्यालय लखनऊ में है और यहीं से महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं, इसलिए अहम आंशिक वादकारण होने की वजह से लखनऊ पीठ को केस की सुनवाई करने का प्राधिकार है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कानूनी अंतर्निहित शक्तियों के तहत याचियों के खिलाफ PMLA के तहत चल रही कार्यवाहियों में दखल देने का कोई आधार नहीं है। इसके मद्देनज़र, याचिका खारिज की जाती है, जिससे ईडी को अपनी जांच आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
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