शिवपाल यादव का भाजपा-आरएसएस पर तीखा हमला, मायावती पर भाजपा से मिलीभगत के आरोप



उन्होंने मांग की कि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और जनता से अपील की कि वह देश और उत्तर प्रदेश से भाजपा और आरएसएस के लोगों को सत्ता से बाहर करने का काम करें। शिवपाल यादव ने छठ पर्व के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल दावा करती है कि छठ पर्व पर विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह सब केवल दिखावा और प्रचार भर है। भारतीय जनता पार्टी केवल प्रचार और झूठे वादों के सहारे चल रही है, जबकि जनता को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही।
बसपा सुप्रीमो मायावती के द्वारा प्रदेश सरकार की तारीफ करने और समाजवादी पार्टी पर हमलावर रुख अपनाने के सवाल पर शिवपाल यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों, किसानों और युवाओं का उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है। रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं और सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती अब भारतीय जनता पार्टी से मिली हुई हैं और भाजपा के इशारे पर ही बयानबाजी कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 'श्रीराम विरोधी' कहे जाने पर शिवपाल यादव ने पलटवार किया।
उन्होंने कहा, “यह लोग केवल राम के नाम पर राजनीति करते हैं, जबकि भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करने की उनमें कोई नीयत नहीं है। ये राम के नाम पर उल्टा काम करते हैं।” अखिलेश यादव द्वारा दीपोत्सव और क्रिसमस के संबंध में दिए गए बयान पर शिवपाल यादव ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और संविधान में इसकी पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने कहा कि नेताओं को ऐसे कार्य करने चाहिए जो समाज में अच्छा संदेश दें और लोगों के बीच सौहार्द का माहौल बनाएं। उन्होंने अयोध्या का उल्लेख करते हुए कहा कि सबसे पहले अयोध्या में दीप जलाने और घाटों के निर्माण की परंपरा समाजवादी सरकार ने शुरू की थी। भाजपा केवल श्रेय लेने में लगी रहती है, जबकि वास्तविक विकास कार्य समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुए थे।