प्रयागराज। आगामी माघ मेले 2025 की तैयारियों के अंतिम चरण में विवाद खड़ा हो गया है। शनिवार को मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई जब एक साधु अपनी मांग को लेकर एसडीएम के पैरों में गिर गए। साधु का आरोप है कि उन्हें मेले में शिविर लगाने के लिए उचित जमीन नहीं दी जा रही।
विवाद की मुख्य वजहें
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जगह की कमी: इस बार गंगा की कटान और जलस्तर के कारण जमीन का क्षेत्रफल कम हुआ है।
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आवंटन में देरी: साधु-संतों का आरोप है कि बड़े संस्थानों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि छोटे शिविर और परंपरागत साधुओं की अनदेखी की जा रही है।
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खाक चौक का मुद्दा: खाक चौक व्यवस्था समिति और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण कई संतों को अब तक आवंटन पत्र नहीं मिला है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मेला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "सभी साधु-संतों का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है। जमीन आवंटन की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चल रही है। कुछ तकनीकी कारणों से देरी हुई है, जिसे बातचीत के माध्यम से सुलझा लिया जाएगा। किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।"
सुरक्षा और स्थिति
हंगामे के बाद भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। एसडीएम ने साधु को शांत कराया और आश्वासन दिया कि उनकी फाइल की पुनः जांच की जाएगी। हालांकि, साधु और उनके समर्थकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे संगम तट पर सामूहिक अनशन शुरू करेंगे।
माघ मेले का पहला मुख्य स्नान मकर संक्रांति नजदीक है, ऐसे में प्रशासन जल्द विवाद सुलझाने के लिए प्रयासरत है ताकि मेले की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें।
