सहारनपुर। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं शिक्षक समन्वय समिति से जुड़े सेवानिवृत्त शिक्षक व पेंशनरों ने केन्द्र सरकार द्वारा वित्त विधेयक संशोधन द्वारा की गयी पेंशनरों के वर्ग विभाजन की कार्रवाई के खिलाफ जिला मुख्यालय पर नारेबाजी कर धरना दिया तथा प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपकर इस कार्रवाई को वापिस लिए जाने की मांग की।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं शिक्षक समन्वय समिति से जुड़े सेवानिवृत्त शिक्षक व पेंशनर्स हकीकत नगर धरना स्थल पर एकत्रित हुए तथा नारेबाजी कर धरने पर बैठ गये।
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिस पर केन्द्र सरकार के प्रवक्ता कह रहे है कि पेंशनरों को कोई हानि नही होगी, जबकि 8वें वेतन आयोग को भेजे गये नोटिफिकेशन से स्पष्ट हो रहा है कि यह विधेयक वास्तव में हानि पहुंचाने के लिए ही लाया गया है, केन्द्र सरकार इसे वापस ले। उनका कहना था कि पेंशनरों के लिए पेंशन कोई कृपा या अनुग्रह नही है। बल्कि कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा की गयी लम्बी सेवाओं का प्रतिफल है, जो सेवाकाल का लम्बित वेतन है और इसे पेंशन के रूप में ही दिया जाता है। उनका कहना था कि केन्द्र सरकार के द्वारा 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के लिए जारी टर्म्स आफ रिफरेन्स में गैर अंशदायी और गैर वित्त पोषित कथन को क्लॉज संख्या (एफ-3) को हटाकर पेंशन पुनरीक्षण एवं अन्य पेंशनरी लाभों जैसे राशिकरण की कटौती अवधि 15 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष 11 माह करने जैसे प्रस्ताव को सम्मिलित किया जाना चाहिए।
धरने में जे.डी. कौशल, सत्यपाल सिंह, मौहम्मद कलीम, रविन्द्र कुमार, अब्दुल कय्यूम खाँ, सरदार सिंह, अशोक मलिक, नाथी राम काम्बोज, रजनीश चौहान, राजबीर सिंह आदि शामिल रहे।