वाराणसी में पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के घर पर चला बुलडोजर, बुजुर्ग परिजन अफसरों से करते रहे मिन्नतें
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वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में सिंधोरा से गोलघर कचहरी तक फोर लेन सड़क चौड़ीकरण के लिए चला बुलडोजर अभियान रविवार को विवादों में आ गया। इस दौरान भारतीय हॉकी के दिग्गज और पद्मश्री ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के पैतृक घर का एक हिस्सा ढहा दिया गया। बुलडोजर कार्रवाई से पहले, उनके परिवार के बुजुर्ग परिजन कैंट एसएचओ शिवाकांत मिश्रा से एक दिन की मोहलत मांगते रहे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मोहलत की गुहार और वायरल वीडियो
वायरल वीडियो में, मोहम्मद शाहिद के परिवार के एक सदस्य कोतवाल से मिन्नतें करते हुए और उनके पैर पकड़कर कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "मिश्रा जी मैं आपके पैर पकड़ रहा हूं... एक दिन की मोहलत और दे दीजिए।" परिजन का कहना था कि वे खुद अपना मकान तोड़ रहे हैं और उन्हें एक दिन का और समय दिया जाए। देखें वीडियो -
हालांकि, बताया जा रहा है कि इसके बावजूद पुलिस अधिकारी का दिल नहीं पसीजा और बुलडोजर ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रशासन और परिजनों के अलग-अलग दावे
प्रशासन का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए यह कार्रवाई जरूरी है और इससे पहले लोगों को नोटिस दिए गए थे। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने पुष्टि की थी कि मोहम्मद शाहिद के मकान में 9 हिस्सेदार थे और 6 लोगों ने मुआवजा ले लिया है, इसलिए उन्हीं के हिस्से को गिराया जा रहा है, जबकि स्टे लेने वाले 3 लोगों के हिस्से को अभी छोड़ दिया गया है। कुल 71 लोगों को 3 करोड़ 52 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है।
हालांकि, परिजनों का आरोप है कि उन्हें मुआवजा पर्याप्त नहीं मिला और उनके पास हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर होने के बावजूद प्रशासन मनमानी कर रहा है। उनकी एक दिन की मोहलत की गुहार को अनसुना कर दिया गया, जिससे उनकी पीढ़ियों की यादों से जुड़े मकान का हिस्सा टूट गया।
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