आलू, प्याज और लहसुन की खेती से पहले खेत में यह फसल बो दें, खाद का खर्चा होगा खत्म और मिट्टी होगी सोने जैसी

आलू, प्याज और लहसुन की खेती से पहले ढैंचा बोने का अनोखा तरीका जानें। इससे खाद का खर्चा बचेगा और मिट्टी होगी जैविक रूप से उपजाऊ।
किसान भाई अक्सर सोचते हैं कि खेती में सबसे बड़ा खर्च किस चीज़ पर होता है। अगर सही तरीके से देखा जाए तो आलू, प्याज और लहसुन जैसी फसलों में सबसे ज्यादा खर्च खाद और उर्वरक पर आता है। बिना खाद डाले अच्छी उपज मिलना नामुमकिन लगता है। लेकिन अगर मैं आपसे कहूँ कि अब आप बिना ज्यादा खाद डाले भी खेत को उपजाऊ बना सकते हैं और फसल की पैदावार दोगुनी कर सकते हैं, तो शायद आपको यकीन न हो। मगर यह बिल्कुल सच है और इसका राज छिपा है ढैंचा की खेती में।
ढैंचा की फसल से खेत बनेगा उर्वरक से भरपूर
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ढैंचा की खेती के फायदे
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श और सल्फर जैसे पोषक तत्व छोड़ती हैं। यही तत्व फसलों की अच्छी बढ़त और भरपूर उत्पादन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं। खास बात यह है कि ढैंचा की खेती करने से खेत की उर्वरक क्षमता लंबे समय तक बनी रहती है और किसानों को महंगी खाद पर खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।
45 दिन में तैयार हो जाती है यह अनोखी फसल
किसानों के लिए ढैंचा एक वरदान की तरह है, क्योंकि इसे बोने के 45 से 60 दिन में यह पूरी तरह तैयार हो जाती है। इसके बाद इसे रोटावेटर या मिट्टी पलटने वाले हल से खेत में मिला देना चाहिए। जब यह मिट्टी में दब जाती है, तो जैविक खाद में बदल जाती है। इससे खेत की नमी भी बनी रहती है और यूरिया जैसी रासायनिक खाद पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाती है।
ढैंचा से किसान को होगा दुगुना फायदा
दोस्तों, ढैंचा केवल खाद का विकल्प ही नहीं बल्कि किसानों की कमाई का जरिया भी बन सकता है। कई किसान इसे बोने के बाद इसके बीज निकालकर बेचते हैं। बाजार में ढैंचा का बीज लगभग 5000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है। यानी किसान चाहे तो इसे खेत में खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकता है या फिर इसके बीज बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
मिट्टी की ताकत और पैदावार दोनों में इजाफा
ढैंचा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ-साथ खरपतवार की समस्या को भी कम करता है। खेत में जब यह फसल दबाई जाती है तो मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ जाती है। यानी खेत ज्यादा समय तक नमी बनाए रखता है और फसलें सूखे में भी अच्छी बढ़त करती हैं। यही वजह है कि आजकल किसान आलू, प्याज और लहसुन जैसी नकदी फसलों से पहले ढैंचा बोना पसंद कर रहे हैं।
किसान भाइयों, अगर आप चाहते हैं कि खेती में खर्च कम हो और मुनाफा ज्यादा मिले तो ढैंचा की खेती को जरूर अपनाइए। यह फसल न केवल खेत को जैविक रूप से उपजाऊ बनाएगी, बल्कि आपकी पैदावार भी दोगुनी कर देगी। महंगी खादों का बोझ घटेगा और मिट्टी की सेहत भी लंबे समय तक बनी रहेगी।
डिस्क्लेमर :: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से जुड़े निर्णय लेने से पहले कृपया कृषि विशेषज्ञ या नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह जरूर लें।