अक्टूबर में करें गाजर की खेती, जानिए कब और कैसे करें बुवाई, कौन सी मिट्टी और खाद सबसे बेहतर रहेगी और सर्दियों में कैसे मिलेगी लाखों रुपये की जबरदस्त कमाई

आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी सब्जी की जो सर्दियों के मौसम में सबसे ज़्यादा पसंद की जाती है और सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। जी हां हम बात कर रहे हैं गाजर की खेती की। अगर आप सही समय और सही तरीके से गाजर की खेती करते हैं तो यह फसल आपको लाखों रुपये का मुनाफा दे सकती है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी कि कब करें गाजर की खेती, किस मिट्टी में करें, कौन सी खाद डालें और कैसे इससे बेहतरीन प्रॉफिट कमा सकते हैं।
गाजर की खेती कब करें

गाजर की खेती के लिए मिट्टी और खेत की तैयारी
गाजर की अच्छी फसल के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेहतर होती है। मिट्टी भुरभुरी और जल निकासी वाली होनी चाहिए ताकि जड़ें सही तरीके से बढ़ सकें। खेत तैयार करते समय 2 से 3 बार जुताई करें और उसके बाद पाटा चलाएं ताकि मिट्टी समतल और नरम हो जाए। खेत तैयार होने के बाद उसमें 6 से 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें, इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल को ताकत मिलती है।
बीज की बुवाई का सही तरीका
खेत तैयार करने के बाद कतारों में बीज की बुवाई करें। दो कतारों के बीच की दूरी लगभग 20 सेंटीमीटर रखें और बीजों को आधा से 1 इंच गहराई में बोएं। बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।
अगर आप चाहते हैं कि बीजों का अंकुरण अच्छा हो तो उन्हें बुवाई से पहले 12 से 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। एक एकड़ में 4 से 6 किलो बीज पर्याप्त होते हैं। खेती करते समय बेड बनाकर बुवाई करने से फसल मजबूत और सीधी बढ़ती है।
खाद और सिंचाई की जानकारी
गाजर की खेती में संतुलित खाद देना बहुत जरूरी है। प्रति एकड़ खेत में 40 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फास्फोरस और 20 किलो पोटाश डालना उचित रहता है। लेकिन मिट्टी की जांच के बाद ही सही मात्रा तय करें। आधी खाद बुवाई के समय डालें और बाकी आधी 25 दिन बाद सिंचाई के साथ मिलाएं।
गाजर की फसल को शुरू में हल्की सिंचाई की जरूरत होती है, लेकिन बाद में हर 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और गाजर की जड़ें मजबूत बनती हैं।
गाजर की खेती से उत्पादन और मुनाफा
गाजर की फसल सिर्फ सेहत ही नहीं बल्कि जेब भी भरती है। अगर आप सही समय पर और सही तरीके से खेती करते हैं तो एक एकड़ में 250 से 300 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है।
वर्तमान बाजार भाव के अनुसार ₹10 से ₹15 प्रति किलो की दर से किसान को 2 से 3 लाख रुपये प्रति एकड़ तक की कमाई आसानी से हो सकती है। गाजर की मांग हर जगह बनी रहती है, इसलिए किसानों के लिए यह सर्दियों की सबसे बढ़िया फसल मानी जाती है।
दोस्तों अगर आप रबी सीजन में कोई ऐसी फसल लगाना चाहते हैं जो जल्दी तैयार हो और अच्छा मुनाफा दे तो गाजर की खेती एक शानदार विकल्प है। बस सही समय, सही मिट्टी और उचित देखभाल से यह फसल आपको उम्मीद से ज्यादा लाभ दे सकती है।