सर्दियों में करें इस मूली की किस्म की खेती, सिर्फ 50 दिन में होगी फसल तैयार, कम लागत में कमाल की कमाई, बाजार में रहती है भारी मांग


सिजेंटा आइवरी व्हाइट मूली की खासियतें
मूली की यह किस्म अपनी लंबी, सफेद और चिकनी जड़ों के लिए मशहूर है। इसकी जड़ें इतनी चमकदार और मजबूत होती हैं कि बाजार में आसानी से ऊंचे दाम पर बिक जाती हैं। यह किस्म रोग प्रतिरोधक होती है यानी इसे सामान्य कीट और बीमारियों से नुकसान नहीं होता। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ने की क्षमता इसे किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय बनाती है।
यह किस्म लगभग 45 से 50 दिनों में तैयार हो जाती है। यानी अगर आप नवंबर में इसकी बुवाई करते हैं तो दिसंबर के आखिर या जनवरी की शुरुआत में आप इसकी फसल को बाजार में बेच सकते हैं। इतनी कम अवधि में इतनी अच्छी फसल मिलना किसी वरदान से कम नहीं है।
खेती के लिए मिट्टी और देखभाल
मूली की इस किस्म की खेती के लिए हल्की और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। खेत की मिट्टी में अच्छा जल निकास होना जरूरी है ताकि पानी रुक न सके। बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर उसमें गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है।
बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलो बीज पर्याप्त होते हैं। बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए और इसके बाद हर 6 से 7 दिन के अंतराल पर नियमित सिंचाई करते रहना चाहिए। समय पर सिंचाई और देखभाल से मूली की जड़ें अधिक लंबी और चमकदार बनती हैं।
उत्पादन और मुनाफा
मूली की सिजेंटा आइवरी व्हाइट किस्म किसानों को शानदार उत्पादन देती है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती से 250 से 300 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बाजार में इस मूली की कीमत 10 से 20 रुपये प्रति किलो तक रहती है। अगर सही समय पर फसल तैयार होकर बाजार में जाती है तो किसान आसानी से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।
इस किस्म की एक और बड़ी खासियत यह है कि इसकी फसल को अधिक समय तक ताज़ा रखा जा सकता है जिससे इसे दूर-दराज के बाजारों में भी भेजा जा सकता है।
दोस्तों अगर आप इस सर्दी के मौसम में ऐसी फसल लगाना चाहते हैं जो कम समय में तैयार हो जाए, खर्च कम लगे और मुनाफा ज्यादा दे तो मूली की सिजेंटा आइवरी व्हाइट किस्म आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। इस फसल से न सिर्फ आपको अच्छी आमदनी मिलेगी बल्कि आप बाजार में बढ़ती मांग का पूरा फायदा भी उठा पाएंगे।
