Mustard Farming: पूसा गोल्ड सरसों की खेती से किसानों की बल्ले-बल्ले, अक्टूबर में करें बुवाई और पाएं लाखों की कमाई


पूसा गोल्ड सरसों क्या है और क्यों है ये खास
सरसों की पूसा गोल्ड किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित एक उन्नत और लोकप्रिय किस्म है। इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ठंडी और शुष्क जलवायु के लिए बिल्कुल उपयुक्त होती है। इसकी फसल में तेल की मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे किसानों को बाजार में अच्छा भाव मिलता है। यही कारण है कि देशभर के किसान इस किस्म की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस किस्म का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह बीमारियों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी होती है। इसका मतलब है कि इसमें कीटनाशकों का खर्च बहुत कम आता है जिससे आपकी लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है।
पूसा गोल्ड सरसों की बुवाई का सही समय और तरीका
इस किस्म की बुवाई अक्टूबर के अंत तक की जा सकती है। बुवाई के लिए ऐसी मिट्टी चुनें जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो क्योंकि सरसों को जलभराव बिल्कुल पसंद नहीं होता। बुवाई से पहले खेत की एक गहरी जुताई करना जरूरी है ताकि मिट्टी भुरभुरी और उपजाऊ बन सके।
बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर लगभग 2.5 से 3 किलो पर्याप्त रहती है। बीजों को 4 से 5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं। कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखें। बेहतर उपज के लिए खेत में वर्मीकम्पोस्ट या जैविक खाद का उपयोग जरूर करें।
इस किस्म की फसल 100 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और आप जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत तक इसकी कटाई कर सकते हैं।
पैदावार और मुनाफा
पूसा गोल्ड किस्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी उच्च उत्पादन क्षमता है। एक हेक्टेयर भूमि से किसान 26 से 28 क्विंटल तक सरसों की उपज प्राप्त कर सकते हैं। चूंकि इसमें तेल की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए बाजार में इसे ऊंची कीमत मिलती है। इस तरह किसान भाई प्रति हेक्टेयर लाखों रुपये तक की आमदनी आराम से कमा सकते हैं।
अगर आप भी खेती से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाना चाहते हैं तो इस सीजन सरसों की पूसा गोल्ड किस्म को जरूर अपनाएं। ये किस्म आपकी मेहनत का दोगुना फल देती है और आपके खेत को बना देती है मुनाफे का सोने का खजाना।
दोस्तों, सरसों की पूसा गोल्ड किस्म न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती है बल्कि कम खर्च में ज्यादा फायदा भी करवाती है। इसकी खेती पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है। अगर आप इस रबी सीजन में सही समय पर बुवाई करते हैं तो निश्चित ही आपको बेहतरीन मुनाफा मिलेगा।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग के उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। मौसम, मिट्टी और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार परिणाम भिन्न हो सकते हैं। बुवाई से पहले अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ या नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह अवश्य लें।
