सीएम योगी का बड़ा फैसला: 30 साल बाद PWD अधिकारियों के वित्तीय अधिकार 5 गुना तक बढ़े
प्रोजेक्ट्स को मिलेगी तेज रफ्तार; अभियंता सेवा नियमावली में भी संशोधन


किस अधिकारी का वित्तीय अधिकार कितना बढ़ा?
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सिविल कार्यों के लिए वित्तीय अधिकार पांच गुना और विद्युत-यांत्रिक कार्यों के लिए दो गुना बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस बदलाव से निविदा (Tendering) से लेकर कार्यारंभ तक की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
| अधिकारी का पद | पुरानी सीमा (लगभग) | नई सीमा (लगभग) | वृद्धि |
| मुख्य अभियंता | ₹2 करोड़ | ₹10 करोड़ | 5 गुना |
| अधीक्षण अभियंता | ₹1 करोड़ | ₹5 करोड़ | 5 गुना |
| अधिशासी अभियंता | ₹40 लाख | ₹2 करोड़ | 5 गुना |
| सहायक अभियंता | (छोटे-मोटे टेंडर/कार्य) | (स्वीकृति में ढील) | - |
अभियंता सेवा नियमावली में भी बड़ा संशोधन
सीएम योगी ने 'उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990' में भी बड़े बदलावों पर मुहर लगाई है, जिसका उद्देश्य विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाना है:
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नए पद: विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद जोड़ा गया है।
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पदों की संख्या में वृद्धि: मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या बढ़ाई गई है।
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पदोन्नति में पारदर्शिता: पदोन्नति की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए वरिष्ठता के आधार पर स्तर-दो से स्तर-एक तक प्रमोशन का प्रावधान किया गया है।
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वेतनमान: सातवें वेतन आयोग के अनुरूप अधिशासी अभियंता से मुख्य अभियंता तक के पे लेवल तय किए गए हैं।
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लक्ष्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता पर आधारित इस सिस्टम से विभाग नई ऊंचाइयों को छुएगा, प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
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