केसर की खेती से करोड़ों तक की कमाई कश्मीरी केसर का रहस्य जानें खेती का समय जलवायु कीमत और घर में उगाने का तरीका

अगर आप खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि कौन सी फसल ऐसी है जो थोड़ी सी जमीन में भी आपको लाखों का मुनाफा दे सकती है तो आज हम आपको केसर की खेती के बारे में बताएंगे। जी हाँ वही केसर जिसे मसालों का राजा कहा जाता है और जिसकी खुशबू और स्वाद पूरी दुनिया को मोह लेती है।
केसर की खेती क्यों खास है
केसर की खेती का सही समय और जलवायु
केसर की बिजाई का सबसे अच्छा समय मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक माना जाता है। कुछ किसान अगस्त से सितंबर के बीच भी इसकी रोपाई करते हैं। इसके लिए ठंडी और शुष्क जलवायु बेहतर रहती है और पौधों को रोजाना कम से कम 12 घंटे धूप चाहिए होती है। गीली मिट्टी और गोबर की सड़ी खाद इसमें उत्पादन को और बेहतर बना देती है।
कश्मीरी केसर की खेती
कश्मीर का केसर पूरी दुनिया में मशहूर है और इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है। इसे उर्दू में जाफरान कहा जाता है और दवाइयों से लेकर मिठाइयों तक हर जगह इसका इस्तेमाल होता है। कश्मीर के पंपोर और बडगाम इलाके को केसर की भूमि कहा जाता है। यही कारण है कि कश्मीरी केसर की कीमत 2025 में पाँच लाख रुपये किलो तक पहुँच चुकी है।
कमरे और गमले में केसर की खेती
दोस्तों अगर आपके पास खेत नहीं है तब भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। आधुनिक तकनीक से अब कमरे और गमलों में भी केसर की खेती संभव है। एरोपोनिक फार्मिंग के जरिए बिना मिट्टी के सिर्फ पोषक तत्वों की धुंध से पौधों को उगाया जाता है। वहीं गमलों में लगाने के लिए खास तरह की मिट्टी तैयार करनी पड़ती है जिसमें खाद और रेत मिलाई जाती है।
भारत में केसर की खेती कहाँ होती है
भारत में मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में केसर की खेती होती है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में भी अब यह फसल उगाई जाने लगी है। तकनीक के विकास ने इसे हर किसान तक पहुँचाना आसान बना दिया है।
असली और नकली केसर की पहचान
दोस्तों जब भी आप केसर खरीदें तो इसकी पहचान जरूर करें। असली केसर गर्म पानी में डालने पर धीरे-धीरे पीला रंग छोड़ता है लेकिन धागों की बनावट बनी रहती है। नकली केसर तुरंत गहरा लाल रंग छोड़ देता है और उसकी खुशबू व स्वाद उतना अच्छा नहीं होता।
केसर की खेती आज किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। थोड़ी सी जमीन में ही लाखों की कमाई और कम लागत में अच्छा मुनाफा यही वजह है कि इसे सोने की फसल भी कहा जाता है। अगर सही समय और सही तकनीक से खेती की जाए तो किसान अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार की खेती शुरू करने से पहले कृषि विशेषज्ञ या स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेना जरूरी है।