कम लागत और कम समय में भरपूर पैदावार देने वाली वैरायटी, किसानों के लिए बन रही है खुशहाली का सबसे बड़ा जरिया
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अगर आप खेती से जुड़े हैं तो यह बात आप भली-भांति जानते होंगे कि सब्जियों की खेती में फूलगोभी की मांग हमेशा बनी रहती है। यह सब्जी न सिर्फ हर मौसम में लोगों की पसंद होती है बल्कि बाजार में भी इसकी अच्छी कीमत मिलती है। ऐसे में अगर किसान सही किस्म का चुनाव कर लें तो फूलगोभी की खेती से लाखों का मुनाफा कमाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। आज हम आपको फूलगोभी की एक ऐसी वैरायटी के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
फूलगोभी की सेमिनिस SV4051 किस्म की खासियत
खेती की विधि
इस किस्म की खेती व्यावसायिक स्तर पर की जाती है और इसके लिए उपजाऊ तथा पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी की आवश्यकता होती है। खेत की मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए ताकि पौधों को पानी जमा होने से नुकसान न पहुंचे। खेती की शुरुआत नर्सरी से होती है जहां पौधे तैयार करके फिर खेत में रोपाई की जाती है। प्रति हेक्टेयर बुवाई के लिए लगभग 150 से 180 ग्राम बीज की जरूरत होती है।
खेत तैयार करते समय मिट्टी को भुरभुरा बनाना और उसमें गोबर की खाद डालना बहुत जरूरी है। रोपाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। सिंचाई के लिए ड्रिप विधि हर 2 से 4 दिन पर और स्प्रिंकलर विधि हर 8 से 12 दिन पर करना उचित होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि रोपाई के बाद यह किस्म सिर्फ 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती है।
उत्पादन और मुनाफा
फूलगोभी की सेमिनिस SV4051 किस्म किसानों के लिए कमाई का शानदार विकल्प है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने पर करीब 60 से 90 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है। इसकी मांग बाजार में इतनी ज्यादा होती है कि किसान आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं। यह किस्म भारी बारिश और गर्म परिस्थितियों को भी सहन कर लेती है और इसकी आत्म-कवरिंग क्षमता इसे और भी बेहतर बना देती ह
दोस्तों अगर आप भी ऐसी सब्जी की खेती करना चाहते हैं जो जल्दी तैयार हो जाए, बाजार में अच्छी कीमत दिलाए और फसल को मौसम की मार से बचाए तो फूलगोभी की सेमिनिस SV4051 किस्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह किस्म किसानों के सपनों को साकार करने वाली है क्योंकि इसमें कम समय में ज्यादा उत्पादन और ज्यादा मुनाफा छिपा है।
Disclaimer यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृषि विशेषज्ञ या स्थानीय कृषि विभाग की सलाह जरूर लें।