जयंत चौधरी के आगमन से पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस सख्त, किसान नेता किये नजरबंद, लिए हिरासत में

मुजफ्फरनगर।देश में किसानों के सबसे बड़े मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह के पौत्र और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के मुजफ्फरनगर दौरे से पहले, प्रशासन और पुलिस ने किसान संगठनों की सक्रियता को देखते हुए कड़े कदम उठाए। किसान नेताओं को किसानों की समस्या के लिए मंत्री से मिलने नहीं दिया गया और पुलिस ने जिलेभर में किसान नेताओं के घरों की घेराबंदी शुरू कर दी और उन्हें नजरबंद कर दिया।
पुलिस ने किया घेराव और नजरबंद
देर रात से ही पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए भाकियू के कई पदाधिकारियों को उनके घरों में नजरबंद (हाउस अरेस्ट) कर दिया। इसका उद्देश्य जयंत चौधरी के कार्यक्रम स्थल तक किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकना था। पुलिस ने शाहपुर और अन्य इलाकों में भी नाकाबंदी कर दी, जिससे कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल तक न पहुंच पाएं।
शुक्रवार को जयंत चौधरी बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के गांव सावटू पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी सांसद निधि से कराए गए विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इसी दौरान, भाकियू (अराजनैतिक) के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनसे मिलने जा रहे थे ताकि वे किसान और मजदूरों की समस्याओं को उनके सामने रख सकें। हालांकि, पुलिस ने उन्हें शाहपुर और अन्य रास्तों पर रोक दिया।
कार्यकर्ता हिरासत में, जिलाध्यक्ष हाउस अरेस्ट
इस दौरान मंसूरपुर पुलिस ने भाकियू के जिलाध्यक्ष अक्षु त्यागी को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया। इसके अलावा, कई कार्यकर्ताओं को अलग-अलग स्थानों पर हिरासत में लिया गया। बुढ़ाना थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आनंद देव मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ किसान नेताओं के घर पहुंचे और उन्हें बाहर निकलने से रोका। शाहपुर सहित कई स्थानों पर पुलिस ने भाकियू कार्यकर्ताओं को रोककर गिरफ्तार भी किया।
मौके पर मौजूद रहे भाकियू के जिला उपाध्यक्ष नौशाद राणा, युवा जिला उपाध्यक्ष असद खान, युवा महानगर अध्यक्ष वसीम खान, अफजल सिद्दीकी, गयूर मलिक, पिंटू ठाकुर और सुभाष मलिक समेत कई अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस अपने साथ बैठाकर ले गई।
किसान नेताओं की प्रतिक्रिया
भाकियू (अराजनैतिक) के प्रदेश प्रभारी अंकित चौधरी ने इस पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर अपनी समस्याओं को नेताओं तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन उन्हें जबरन रोक रहा है। अंकित चौधरी ने कहा कि वे जयंत चौधरी से यह सवाल करना चाहते थे कि जगदीप धनखड़ कहां हैं और सच्चाई क्या है।
उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तारियां उन्हें डरा नहीं सकतीं और न ही उनके संघर्ष को रोक सकती हैं। अंकित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मुलाकात जयंत चौधरी से नहीं हुई, तो वे अपनी समस्याओं को लेकर सीधे थानों तक जाएंगे।
इस घटनाक्रम के बाद, पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और प्रशासन हालात पर बारीकी से नजर बनाए रहा
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