हिमाचल में फिर बरसे बादल, भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, कई सड़कें बंद,कुल्लू में नदी में फंसे दो लोगों का रेस्क्यू

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित है और मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए राज्य में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इस बीच कुल्लू जिले के कराड़सु विहाल में नदी के बीच फंसे दो लोगों को पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है। पुलिस थाना सदर कुल्लू के प्रभारी अजय और एनडीआरएफ टीम के अनुसार दोनों व्यक्तियों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 12 से 14 सितंबर तक राज्य के अधिकांश जिलों में गरज के साथ भारी बारिश हो सकती है। कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और सोलन जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट जारी है, जबकि 12 से 14 सितंबर तक ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 15 और 16 सितंबर को हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है, लेकिन किसी प्रकार का अलर्ट नहीं है।
पिछली रात से सुबह तक कई स्थानों पर अच्छी खासी बारिश दर्ज की गई। मंडी जिले की मुरारी देवी में 63 मिमी, हमीरपुर के भरेड़ी में 62 मिमी, बिलासपुर के सलापड़ में 54 मिमी और नैना देवी में 42 मिमी वर्षा हुई।
लगातार बारिश से सड़क मार्ग, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में गुरुवार सुबह तक तीन नेशनल हाइवे और 574 सड़कें बंद रहीं। कुल्लू में एनएच-03 और एनएच-305 समेत 211 सड़कें अवरुद्ध हैं, मंडी में 154, शिमला में 72, कांगड़ा में 42, चंबा में 30 और ऊना में एनएच-503ए सहित 19 सड़कें बंद हैं।
बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश में 812 बिजली ट्रांसफार्मर और 369 पेयजल योजनाएं ठप हैं। इनमें सबसे ज्यादा 369 ट्रांसफार्मर कुल्लू, 245 मंडी और 125 सोलन में बंद हैं। पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 176, शिमला में 102 और मंडी में 52 प्रभावित हैं।
इस मानसून सीजन में अब तक प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 380 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं, जबकि 439 लोग घायल हुए हैं। सबसे अधिक 61 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं। मकानों और दुकानों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। अब तक 1,265 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं, जबकि 5,469 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 478 दुकानें और 5,612 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। 1,999 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है।
प्रारंभिक आकलन के अनुसार प्रदेश को अब तक 4,306 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस दौरान 137 भूस्खलन, 97 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मानसून का यह प्रकोप लगातार लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है।