मध्य प्रदेश के सागर में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेते तीन MES अधिकारी व बिचौलिया गिरफ्तार

सागर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश के सागर की सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस) के अधिकारियों और बिचौलिए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
आरोप है कि आरोपी लोक सेवकों ने ठेकेदार को दिए गए ठेके के तहत मरम्मत और रखरखाव कार्य करने के लिए ठेका स्थल उपलब्ध कराने के लिए बिचौलिए के माध्यम से ठेका मूल्य का 2 प्रतिशत (अर्थात 1,00,000 रुपये) की रिश्वत मांगी। बातचीत के बाद आरोपी 1.5 प्रतिशत की दर से 80,000 रुपए रिश्वत लेने के लिए सहमत हो गए। सीबीआई ने जाल बिछाया और चारों आरोपियों को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें शुक्रवार को जबलपुर की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों की तलाशी ली, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपियों के नाम गैरिसन इंजीनियर (जीई) नितेश कुमार सिंह, सहायक गैरिसन इंजीनियर (एजीई) राकेश साहू, कनिष्ठ अभियंता (जेई) दीपक और बिचौलिया राजेश मिश्रा हैं। इस मामले में सीबीआई की आगे की जांच जारी है। एक दिन पहले सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
आरोपी की पहचान जगदीश तांबे के रूप में हुई, जो पश्चिमी दिल्ली में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त के पद पर थे। सीबीआई ने जानकारी दी कि क्षेत्रीय आयुक्त जगदीश तांबे को शिकायतकर्ता से 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने 9 सितंबर को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने एक व्यक्ति के खिलाफ आरडीए कार्यवाही को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए 3 लाख रुपए की अवैध रिश्वत मांगी थी।