मुजफ्फरनगर में लेखपाल ने प्रधान के कहने पर बुलडोजर से तोड़ा गरीब का मकान, डीएम भड़के- किसने दिया बुलडोजर चलाने का अधिकार ?
मुजफ्फरनगर। सदर तहसील के बघरा ब्लॉक के खेड़ी दूधाधारी गांव में लेखपाल और ग्राम प्रधान के बीच कथित गठजोड़ का एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि लेखपाल बसंत कुमार ने ग्राम प्रधान अनुज देशवाल के कहने पर गरीब ग्रामीण कमल कुमार प्रजापति का निर्माणाधीन मकान बिना किसी नोटिस के बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
मकान तोड़ा, थाने में हिरासत और रिश्वत की मांग
पीड़ित कमल कुमार प्रजापति ने गुरुवार दोपहर जिलाधिकारी (डीएम) उमेश कुमार मिश्रा से मिलकर लिखित शिकायत की।
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घटना (4 नवंबर 2025): आरोप है कि लेखपाल बसंत कुमार ने प्रधान अनुज देशवाल के इशारे पर कमल कुमार का निर्माणाधीन 200 गज का मकान ध्वस्त कर दिया।
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हिरासत: विरोध करने पर कमल और उनके भाई को तितावी थाने में कई घंटों तक हिरासत में रखा गया।
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रिश्वतखोरी का आरोप: कमल का आरोप है कि 13 नवंबर को लेखपाल ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल कर ₹20,000 की मांग की और पैसे न देने पर जेल भेजने की धमकी दी। (कमल ने कहा कि रिकॉर्डिंग से बचने के लिए व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल किया गया।)
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सबूत: कमल ने धमकाने की कॉल रिकॉर्डिंग और घटना का वीडियो डीएम व एसडीएम को सौंपा है।
डीएम का सख्त रुख और जांच के आदेश
डीएम उमेश कुमार मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर प्रवीण द्विवेदी को तलब किया।
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डीएम का बयान: डीएम ने स्पष्ट कहा, "लेखपाल को बुलडोजर चलाने का कोई अधिकार नहीं।" उन्होंने एसडीएम को मामले की जांच सौंपते हुए दोषी पाए जाने पर लेखपाल को तुरंत सस्पेंड करने का निर्देश दिया।
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मालिकान हक: कमल ने डीएम को अपनी 200 गज जमीन के 20 साल पुराने मालिकाना हक के कागजात पेश किए। उन्होंने बताया कि इसी जमीन पर कई अन्य घर बने हैं, फिर भी सिर्फ उनका मकान टारगेट किया गया।
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रंजिश का आरोप: कमल ने आरोप लगाया कि गांव में सफाई को लेकर आवाज उठाने के कारण प्रधान और लेखपाल उनसे नाराज थे और रंजिश में उनका मकान तोड़ दिया गया।
लेखपाल की सफाई और आगे की कार्रवाई
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लेखपाल का पक्ष: लेखपाल बसंत कुमार ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार एवं बेबुनियाद बताया। उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ था और यह कार्रवाई नायब तहसीलदार की मौजूदगी में हुई थी।
डीएम ने कमल कुमार प्रजापति को न्याय का भरोसा दिलाया और कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा और रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम सदर ने जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट जल्द ही डीएम को सौंपी जाएगी। गांव में इस घटना के कारण तनाव और भय का माहौल है।
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