मुजफ्फरनगरः नगर पालिका भ्रष्टाचार को लेकर सांसद हरेन्द्र सिंह मलिक ने की शिकायत, करोड़ों की वित्तीय हानि का आरोप
मुज़फ्फ़रनगर। नगर पालिका परिषद मुज़फ्फ़रनगर में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सांसद हरेन्द्र सिंह मलिक ने प्रमुख सचिव और सहारनपुर मंडलायुक्त को लिखित शिकायत भेजी है। शिकायत में पालिका प्रशासन पर विभिन्न विभागों में अनियमितताओं के जरिए करोड़ों रुपये की वित्तीय हानि पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सांसद ने अपनी शिकायत में पालिका के स्वास्थ्य, निर्माण, जलकर और पार्किंग ठेकों से जुड़े मामलों को प्रमुखता से उठाया है।
नालों की सफाई को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों से चहेते ठेकेदार को ऑफलाइन टेंडर के जरिए लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है। नालों की सफाई केवल कागजों में दिखाई जा रही है, जबकि जमीनी स्तर पर सफाई अधूरी है और कई जगह पालिका के ही वाहनों से कार्य कराया गया। सिल्ट न हटने के बावजूद भुगतान किए जाने का आरोप लगाया गया है।
निर्माण और जलकर विभाग में भी अनियमितताओं का आरोप है। शिकायत के अनुसार कम राशि की कोटेशन दिखाकर कई बिल पास किए गए और लगभग पचास लाख रुपये का भुगतान किया गया। आरोप है कि बड़े कार्य होने के बावजूद उन्हें ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से नहीं कराया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
रामलीला पार्किंग ठेके को लेकर भी शिकायत में गंभीर बात कही गई है। बताया गया है कि ठेके की अवधि समाप्त होने के बावजूद बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेकेदार को आगे काम करने की अनुमति दी गई। इस दौरान लाखों रुपये बकाया रहे, लेकिन पालिका प्रशासन ने वसूली के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
वर्तमान वर्ष के पार्किंग ठेके भी ऑफलाइन टेंडर के जरिए दिए जाने का आरोप लगाया गया है, जबकि शासन की मंशा ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करने की है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि पार्किंग के साथ-साथ निर्माण कार्यों के टेंडर भी नियमों के विपरीत ऑफलाइन कराए जा रहे हैं।
ऑनलाइन टेंडरों में भी ठेकेदारों से साठगांठ का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि जिन टेंडरों में मिलीभगत रहती है, उनमें बहुत कम दरों पर काम छोड़ा जाता है, जबकि साठगांठ उजागर होने पर अधिक छूट दिखाई जाती है। इसके अलावा एक ही एफडीआर की रंगीन प्रति कई निविदाओं में लगाए जाने की बात भी शिकायत में शामिल है।
आईजीएल द्वारा गैस लाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत के लिए दिए गए पांच करोड़ रुपये के उपयोग पर भी सवाल उठाए गए हैं। शिकायत में कहा गया है कि सड़कों की हालत आज भी खराब है और यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त राशि कहां और कैसे खर्च की गई।
इस पूरे मामले पर नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि सांसद द्वारा सहारनपुर मंडलायुक्त को शिकायत की गई है। शिकायत के आधार पर जिला स्तरीय समिति गठित कर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
