मुजफ्फरनगर: एस डी पब्लिक स्कूल का वार्षिकोत्सव "अभ्युदय" धूमधाम के साथ सम्पन्न
मुजफ्फरनगर। पटेल नगर स्थित एस डी पब्लिक स्कूल का वार्षिकोत्सव ''अभ्युदय:'' धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मनोहारी मंचीय प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया।
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि नगरपालिका अध्यक्षा श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप अभ्युदय: 2025 के साक्षी बने। अतिथियों का स्वागत विद्यालय सचिव आकाश कुमार, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यगण एवं विद्यालय निदेशिका श्रीमती चंचल सक्सैना, प्रधानाचार्या श्रीमती भारती तिवारी, उपप्रधानाचार्य शिव कुमार शर्मा, सीनियर विंग इंचार्ज शशीकांत शर्मा, मिडिल विंग इंचार्ज श्रीमती गीता मित्तल, जूनियर विंग इंचार्ज डा रचना जैन, द एस डी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम महाना ने पुष्प गुच्छ एवं शॉल भेंट करके किया।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि कपिल देव अग्रवाल के करकमलों द्वारा ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती के श्री चरणों में दीप प्रज्ज्वलन तथा सभी संस्थापकों-स्वर्गीय गुलशन रॉय जैन, स्व मदन लाल जैन, स्व सोमांश प्रकाश, स्व दीपक कुमार के छाया-चित्रों पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस इंद्रधनुषीय शाम के साथ वार्षिकोत्सव के रंगारंग कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारंभ बुद्धिदात्री माँ सरस्वती को समर्पित श्रद्धा और भक्ति के अनुपम संगम की अनुप्रासित प्रस्तुति के साथ हुआ।
कार्यक्रम की श्रंखला में विद्यालय की निदेशिका श्रीमती चंचल सक्सैना ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत अपने सारगर्भित एवं प्रेरणादायक संबोधन के माध्यम से किया।
इसके उपरान्त विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती भारती तिवारी नें विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विद्यालय की शैक्षणिक एवंसहशैक्षणिक, गतिविधियों, उपलब्धियों तथा उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने विद्यार्थियों को निरंतर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए नन्हें बालकलाकारों द्वारा ''कलरव'' के माध्यम से प्रकृति, पृथ्वी और पक्षियों के अनोखे सामंजस्य को अपनी सुंदर प्रस्तुति द्वारा दर्शाया गया। नन्हें बाल कलाकारों ने ''एक दूजे के लिए'' कव्वाली के माध्यम से माता-पिता और संतान के रिश्ते की प्रगाढ़ता को भावनात्मक प्रस्तुति द्वारा दर्शाया। अनेक सांस्कृतिक एवं पारंपरिक नृत्य जो पीढ़ी दर पीढ़ी मानव जीवन को आनंद से भर देती हैं, इसी पर आधारित ''रंग रंगीलों'' राजस्थानी नृत्य ने तो सभी को राजस्थान की याद दिलाकर दर्शकों कोझूमने पर विवश कर दिया।
''मर्यादा से मिशन तक'' अंगद-रावण संवाद में छात्रों ने अपने नाट्य मंचन प्रस्तुति द्वारा यह संदेश देने की चेष्टा की गई कि भारत ने कभी विस्तारवाद की नीति को नहीं अपनाया और सर्वदा शांति का पक्षधर रहा। युद्ध को रोकने की अंतिम क्षण तक चेष्टा की गयी ऐसा उदाहरण त्रेता युग, द्वापर युग एवं वर्तमान में आपरेशन सिंदूर में इसी परंपरा का निर्वाहन किया गया। साथ ही यह भी संदेश दिया गया कि देशहित को यदि किसी भी प्रकार नुकसान पहुँचाने की चेष्टा की गई, तो भारत ने उसका प्रतिकूल जवाब दिया।
कार्यक्रम श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए ''स्वराज की नींव'' अद्भुत नाट्य मंचन कौशल की प्रस्तुति द्वारा यह दर्शाया गया कि बीजापुर सल्तनत के धोखेबाज अफजल खान से छत्रपति शिवाजी ने अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और बहादुर से न केवल अपने प्राणों की रक्षा की अपितु अपने राज्य को भी उस धोखेबाज से बचाया। ''विजयनाद'' के माध्यम से शिवाजी की विजय का उत्सव मनाते हुए छात्र-छात्राओं ने मनोहारी मराठी नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसकी छटा देखते ही बनती थी।दर्शकों ने इस आकर्षक प्रस्तुति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और तालियाँ बजाकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
विद्यार्थी समय-समय पर प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय देते आए हैं तो संगीत का क्षेत्र कैसे अछूता रह सकता था। ''शिवतरंग'' के माध्यम से बच्चों ने ''कर्णप्रिय'' संगीत प्रस्तुति से सारा वातावरण संगीतमय कर दिया।
कार्यक्रम के मध्य मुख्य अतिथि श्री कपिल देव अग्रवाल जी ने शैक्षिक-सत्र 2024-2025 की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पारितोषिक वितरित करके सम्मानित किया। बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कक्षा 12वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र ''विज्ञान वर्ग'' की पूर्णिमा गोयल, वाणिज्य वर्ग से आर्यन राज वर्मा एवं मानविकी वर्ग से उत्तरा मलिक को उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया।
कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्रा यातिका अरोरा को पुरस्कृत किया गया। गृह परीक्षा 2024-2025 में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों की सूची में कक्षा 11वीं में विज्ञान वर्ग से अबुजैद खान, वाणिज्य वर्ग से अवतार सिंह को पुरस्कृत किया गया। इसी क्रम में कक्षा प्रथम की छात्रा लिपि अरोरा, कक्षा द्वितीय से ओजस्वती गुप्ता और कक्षा नवम् मिष्ठी गुप्ता, देवांश बंसल, पुरहान चावला, आरव शर्मा, ख्याति फातिमा, आन्या, दिविक, वत्सल और यातिका जैन को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
विद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं में छात्रा उत्तरा मलिक (एन आई एफ टी ), गर्व तायल (जे ई ई ) अंकुश (जे ई ई ) की परीक्षाओं को उत्तीर्ण करके सम्मानित संस्थाओं में प्रवेश पाकर विद्यालय को गौरवान्वित किया। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न सदनों में विजेता रहे अध्यापक और अध्यापिकाओं को भी सम्मानित किया गया।
इस इंद्रधनुषीय संध्या के मध्य विभिन्न मनोहारी प्रस्तुतियों के क्रम में ''परिकल्पना'' ''माइम'' रवीन्द्रनाथ ठाकुर की बंगाली कविता पर आधारित बच्चों के मूक अभिनय ने तो सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का अगला आकर्षण ''मील का पत्थर'' के अंतर्गत भारत के वीर सपूतों और महानायकों के त्याग और बलिदान को भावपूर्ण ढंग से दर्शाया गया। छात्रों नेअपने उत्कृष्ट अभिनय से इन ऐतिहासिक क्षणों को जीवंत कर दिया, इसे देखकर श्रोतागण अभिभूत रह गए। ''वेदना'' के अन्तर्गत बच्चों ने अपनी प्रभावशाली प्रतिभा का परिचय देते हुए भारत विभाजन की विभीषिका को व देशवासियों की सही गई यातनाओं, पीड़ाओं, सिसकियों का कारूणिक नृत्य मंचन द्वारा मार्मिक रूप से दर्शाया गया, जिसे देखकर सभी दर्शकों की आँखे में आँसुओं से व हृदय करूणा से भर गया।
इस उत्सव को गति प्रदान करते हुए ''नव-निर्माण में आजादी के बाद अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए एक नवीन, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत को दर्शाया गया और संदेश दिया कि वो दिन दूर नहीजब भारत विकसित देशों में गिना जाऐगाँ। बच्चों के इस नाट्य मंचन ने सबको मंत्र-मुग्ध कर दिया। इस इन्द्रधनुषीय संध्या के अंतिम पड़ाव पर प्रस्तुत की गयी ''संशय-सिद्ध ऐसी सजीव प्रस्तुति, जिसमें छात्रों ने अपने उत्कृष्ट नृत्य कौशल और भाव भंगिमा से उपस्थित सभी को तालियाँ बजाने पर विवश कर दिया। यह प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली थी कि दर्शकों के मन में स्वत: यह विचार जागृत हो उठा-क्या वास्तव में ''सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है? हाँ, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा!
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कपिल देव अग्रवाल ने अपने संबोधन में सभी अध्यापकों, अध्यापिकाओं व सभी छात्र-छात्राओं की प्रेरणादायक प्रशंसा करते हुए कहा कि-बच्चों का अभिनय, नृत्य कौशल और नाट्य मंचन वास्तव में प्रशंसनीय एवं सराहनीय रहा। कार्यक्रम की उत्कृष्टता को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता हैकि-वास्तव में विद्यालय बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास सफलतापूर्वक कर रहा है। इन्हीं उपलब्धियों के कारण यह विद्यालय प्रत्येक क्षेत्र में विशिष्ट स्थान बनाए हुए है। उन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से ही बच्चों को अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़े रहने में सफलता मिलती है।
अंत में विद्यालय सचिव आकाश कुमार ने उपस्थित सभी अतिथियों व आगंतुकों का धन्यवाद किया। राष्ट्रगान एवं मंगलकामना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त अध्यापक वर्ग, कर्मचारी वर्ग, विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का सहयोग सराहनीय रहा।
