मुजफ्फरनगर में दर्दनाक हादसा,वैष्णो देवी गए छह श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

मुजफ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन ने मुजफ्फरनगर के कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक जिले के छह श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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शहर कोतवाली क्षेत्र के दक्षिणी रामपुरी से 23 श्रद्धालु 25 अगस्त को ट्रेन से वैष्णो देवी यात्रा के लिए गए थे। ये सभी बाणगंगा और अर्धकुंवारी के बीच मार्ग पर हुए लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए। मृतकों में 10 वर्षीय अनंत, 8 वर्षीय दीपेश, 48 वर्षीय रामवीरी, 21 वर्षीय अंजली सहित अन्य श्रद्धालु शामिल बताए जा रहे हैं।
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पीड़ित परिवारों का कहना है कि हादसे के बाद अब तक न तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से उन्हें ठोस जानकारी मिल पाई है।
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हादसे की जानकारी मिलने पर पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि यह अत्यंत दुखद घटना है। कल तक जानकारी थी कि एक युवक कार्तिक की मृत्यु हुई है, लेकिन अब दक्षिणी रामपुरी मोहल्ले से पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। कई श्रद्धालु घायल अवस्था में जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनसे अभी तक परिजनों का संपर्क नहीं हो पाया है।
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उन्होंने कहा कि प्रशासन से लगातार संपर्क साधा जा रहा है ताकि घायलों को उचित इलाज मिल सके और मृतकों के शव जल्द से जल्द मुजफ्फरनगर लाए जा सकें।
इसी बीच हादसे में लापता श्रद्धालुओं के परिजन भी गहरी चिंता में हैं। दक्षिणी रामपुरी की राधा ने बताया कि उनकी मां ममतेश और बहन आकांक्षा वैष्णो देवी यात्रा पर गई थीं, लेकिन 25 अगस्त की शाम ट्रेन में बैठने के बाद से अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
वहीं कृष्णपुरी निवासी रेनू प्रजापति ने बताया कि उनके जेठ-जेठानी और पोते-पोतियां यात्रा पर गए थे, लेकिन भूस्खलन के बाद से कोई जानकारी नहीं मिल रही।
सबसे दर्दनाक स्थिति दक्षिणी रामपुरी निवासी बुजुर्ग देशराज सिंह का है, जिन्होंने अपने दो मासूम पोते 10 वर्षीय अनंत और 8 वर्षीय दीपेश को हादसे में खो दिया। उन्होंने बताया कि बेटा अजय, बहू मोनिका और तीनों बच्चे यात्रा पर गए थे। अब तक सिर्फ कुछ घायलों के बारे में पता चला है, जबकि उनके दोनों पोते लापता हैं। देशराज सिंह ने सरकार से आर्थिक मदद और घायलों के उचित इलाज की मांग की है।
इसी तरह पीड़ित अभिषेक ने बताया कि उनकी मां रामवीरी और बहन अंजली भी हादसे का शिकार हो गई हैं। उनका कहना है कि पूरे मोहल्ले से करीब 23 लोग यात्रा पर गए थे, लेकिन हादसे के बाद से यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि कौन जीवित है और कौन नहीं।
मुजफ्फरनगर में इस हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए हैं। परिवारजन शवों और घायलों को सुरक्षित घर लाने की गुहार सरकार और प्रशासन से लगा रहे हैं।