बांग्लादेश में अशांति, हसीना को फांसी की सजा के बाद राजधानी ढाका में हिंसा, 'देखते ही गोली' के आदेश
'मानवता के विरुद्ध अपराधों' के लिए ट्रिब्यूनल का फैसला; गोपालगंज से लेकर ढाका तक आवामी लीग समर्थक सड़क पर
ढाका। बांग्लादेश में सोमवार को उस समय बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई, जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 (ICT-1) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल के छात्र विद्रोह पर घातक कार्रवाई करते हुए मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा सुना दी। फैसले के बाद राजधानी ढाका में व्यापक हिंसा भड़क उठी और हालात को नियंत्रित करने के लिए कई संवेदनशील इलाकों में सेना को तैनात करना पड़ा है।
हसीना के घर पर हिंसक झड़प
फैसले के तुरंत बाद ढाका में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हसीना के पैतृक घर, 32 धान मंडी पर अवामी लीग के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक गतिरोध उत्पन्न हो गया।
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पुलिस कार्रवाई: पुलिस ने भारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी और सेना के जवान भी शामिल हैं। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने दिवंगत शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर पर तोड़फोड़ करने का प्रयास भी किया।
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गोपालगंज में विरोध: हसीना के गढ़ गोपालगंज में भी विरोध प्रदर्शन भड़क उठा। छात्र लीग (Chhatra League) के कार्यकर्ताओं ने ढाका–खुलना राजमार्ग को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई।
'देखते ही गोली' के आदेश और गिरफ्तारी
हालात की गंभीरता को देखते हुए, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) कमिश्नर शेख मोहम्मद सज्जात अली ने कड़े आदेश जारी किए हैं। आगजनी, बम विस्फोट, या शांति भंग करने की कोशिश में शामिल किसी भी व्यक्ति को "देखते ही गोली मारने" के आदेश दिए गए हैं।
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सुरक्षा व्यवस्था: शहर के 34,000 पुलिसकर्मियों में से लगभग आधे ड्यूटी पर हैं। ढाका के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर नौ जांच चौकियां और 26 मोबाइल पैट्रोल टीमें गश्त कर रही हैं।
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गिरफ्तारी: पुलिस ने नारायंगंज जिले में पिछले 36 घंटों में 21 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
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विद्रोह: देश में फैसले से पहले के दिनों में 50 से अधिक वाहनों को आग लगाई गई और दर्जनों क्रूड बम विस्फोट हुए, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और अस्थिरता
अवामी लीग ने फैसले को “पूर्वाग्रहपूर्ण और राजनीतिक प्रेरित” करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है, जबकि छात्र संगठनों ने इसे “न्याय की जीत” बताया। हसीना ने अपनी प्रतिक्रिया में फैसले को "पक्षपाती" बताया। हसीना इस समय भारत में हैं।
फैसले की घोषणा के समय अदालत कक्ष में कुछ लोगों ने तालियां बजाईं, जबकि कुछ प्रार्थना करते दिखे। ढाका विश्वविद्यालय परिसर में बड़ी स्क्रीन पर प्रसारण देख रहे विद्यार्थियों ने मिठाई बांटकर जश्न भी मनाया। अंतरिम सरकार ने शहर में शांति बनाए रखने का आह्वान किया है।
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