EPFO ने खोला कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का बड़ा दरवाजा, जानें किन्हें मिलेगा फायदा और कैसे होगा नामांकन
                 
              
                New EPFO Scheme: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 1 नवंबर 2025 को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर ‘कर्मचारी नामांकन योजना 2025’ की शुरुआत की है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आई है, जो किसी भी कारण से 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच EPF कवरेज से वंचित रह गए थे। इस पहल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य देशभर के अधिकतम कर्मचारियों को औपचारिक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था के दायरे में लाना और नियोक्ताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना कितने समय तक लागू रहेगी?
कौन-कौन कर्मचारी होंगे योजना के लिए पात्र?
इस योजना के तहत देशभर के सभी प्रतिष्ठान- चाहे वे पहले से EPF से पंजीकृत हों या नहीं—अपने उन कर्मचारियों की घोषणा कर सकते हैं जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच नियुक्त हुए थे, लेकिन EPF में शामिल नहीं किए गए।
इस योजना में सबसे बड़ी राहत यह है कि यदि कर्मचारियों से पहले अंशदान नहीं काटा गया था, तो उस अवधि का कर्मचारी अंशदान पूरी तरह माफ कर दिया गया है। नियोक्ताओं को केवल अपने हिस्से का अंशदान, देय ब्याज (धारा 7Q), प्रशासनिक शुल्क और मात्र 100 रुपये का एकमुश्त दंड जमा करना होगा। यह दंड तीनों EPF योजनाओं के लिए मान्य रहेगा।
नियोक्ताओं के लिए क्या होंगे जरूरी नियम?
योजना के तहत नियोक्ताओं को प्रत्येक कर्मचारी का फेस ऑथेंटिकेशन आधारित UAN UMANG ऐप के जरिए जनरेट करना होगा। इसके बाद नियोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ECR) के माध्यम से अंशदान जमा करना अनिवार्य होगा। यह ECR मासिक इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न है, जिसे EPFO के एकीकृत पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य रिकॉर्ड को पारदर्शी, डिजिटल और सटीक बनाना है।
EPFO का नया पोर्टल भी लॉन्च
कर्मचारी नामांकन योजना के साथ ही श्रम मंत्री ने EPFO के नए होमपेज का भी शुभारंभ किया है। नया डोमेन www.epfo.gov.in अब अधिक यूजर-फ्रेंडली रूप में उपलब्ध है। पोर्टल को बेहतर नेविगेशन, सरल इंटरफेस और प्रमुख सेवाओं तक त्वरित पहुंच को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इससे नियोक्ता और कर्मचारी दोनों डिजिटल तरीके से तेजी से काम कर सकेंगे।
