SBI रिसर्च का बड़ा दावा: FY26 में जीएसटी संग्रह बजट अनुमान को पार करेगा, राज्यों को होगा शुद्ध लाभ
SBI Report: SBI रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 में भारत का जीएसटी संग्रह सरकार द्वारा तय किए गए बजटीय अनुमानों से अधिक रहने की संभावना है। सितंबर 2025 में लागू हुए कर दरों के पुनर्गठन का असर सकारात्मक दिख रहा है और राज्यों को लाभ मिलना जारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये संकेत भारत की कर प्रणाली की स्थिरता और आर्थिक ढांचे की मजबूती को दर्शाते हैं।
कर दरों में बदलाव के बावजूद जीएसटी आय मजबूत बनी रहेगी
किन राज्यों को कितना फायदा मिलेगा
SBI रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में लागू नए जीएसटी दर ढांचे के बाद महाराष्ट्र को लगभग 6% का लाभ होगा, जबकि कर्नाटक की आय में 10.7% तक की वृद्धि दर्ज होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों का कुल असर जोड़कर देखा जाए तो वे नेट गेनर यानि लाभार्थी की श्रेणी में आएंगे। यह कर ढांचे की स्थिरता और राज्यों की राजस्व क्षमता को मजबूत करने वाला संकेत माना जा रहा है।
पिछले अनुभवों ने दिलाया भरोसा
SBI रिसर्च ने अपने आकलन में 2018 और 2019 में हुए जीएसटी दर संशोधनों के प्रभावों का अध्ययन भी शामिल किया है। इन अनुभवों के अनुसार, दर परिवर्तन के शुरुआती महीनों में तीन से चार प्रतिशत का अस्थायी गिरावट होती है, लेकिन उसके बाद मासिक आधार पर पांच से छह प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर्ज होती है। अनुमान है कि यह सुधार सालाना लगभग एक लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी में तब्दील हो सकता है।
अक्टूबर 2025 के आंकड़े मजबूत
वित्त मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में जीएसटी संग्रह 4.6% बढ़कर 1.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी महीने 1.87 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच कुल संग्रह में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 13.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। CGST, SGST और IGST सभी में वृद्धि रही, जबकि सेस में मामूली कमी आई है। विशेषज्ञों की मानें तो ये संकेत आने वाले महीनों में सरकार के राजस्व को और मजबूत बना सकते हैं।
