विचारों की शक्ति: मस्तिष्क और व्यक्तित्व पर उनका प्रभाव
                 
              
                नई दिल्ली। मस्तिष्क को विचारों का केन्द्र माना जाता है, जो अच्छे और बुरे विचारों का निर्णय करता है और इन्द्रियों को कार्य करने का निर्देश देता है। ये विचार व्यक्ति अपने या दूसरों के बारे में कर सकता है। विशेष रूप से धन और संपत्ति की पूर्ति के लिए विचार अधिकतर व्यक्तिगत होते हैं।
वहीं तामसिक विचार अधिकतर स्वयं के लिए होते हैं। इनमें दूसरों के हित को गौण माना जाता है और जीवन की सार्थकता का महत्व केवल व्यक्तिगत स्वार्थों तक सीमित रह जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन की सच्ची सफलता अपने हितों के साथ-साथ दूसरों के हित का संरक्षण और पोषण करने में ही निहित है। ऐसे लोग धन्य माने जाते हैं जो अपने स्वार्थों की पूर्ति से पहले दूसरों के हित और लोक कल्याण के विचारों को प्राथमिकता देते हैं।
सात्विक विचारों का पालन करने वाले व्यक्ति न केवल अपने जीवन में मानसिक शांति और संतुलन पाते हैं बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होते हैं।
