दिवाली से पहले जीएसटी सुधारों का नया पैकेज? नीति आयोग सीईओ का बड़ा बयान, व्यापार, एआई और नियमन पर खुलकर रखी राय

GST Reforms: नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी 2.0 के बाद दिवाली से पहले सुधारों के एक और सेट की घोषणा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा के नेतृत्व वाली समिति अपनी पहली रिपोर्ट पहले ही सौंप चुकी है, जिसमें अहम आर्थिक और कर सुधारों की सिफारिशें हैं।
नवाचार रोकने वाले नियमों से सावधान
नियमन में लचीलापन और सैंडबॉक्स का महत्व
नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि नियामकों को चुस्त और सक्षम रहने की आवश्यकता है। उन्होंने ‘रेगुलेटरी सैंडबॉक्स’ की अवधारणा को अपनाने का सुझाव दिया, जिससे नई गतिविधियों और सेवाओं को सुरक्षित वातावरण में परीक्षण करने की सुविधा मिले। यह प्रक्रिया नवाचार को गति दे सकती है और आर्थिक सुधारों को मजबूती प्रदान कर सकती है।
एआई पर चिंता नहीं, तैयारी जरूरी
एआई को लेकर उनकी राय में नौकरियां खत्म होने की चिंता नहीं होनी चाहिए, बल्कि नई तरह की नौकरियों के आने का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई प्रक्रियाओं को पुनः डिज़ाइन करने, दक्षता बढ़ाने और काम के तरीकों को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है। अब समय आ गया है कि हम इसके लाभ उठाने की दिशा में सोचें।
पड़ोसी देशों से व्यापार बढ़ाने पर जोर
सुब्रह्मण्यम ने स्पष्ट कहा कि भारत को चीन सहित पड़ोसी देशों से व्यापारिक संबंध मजबूत करने होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यूरोपीय संघ भारत के साथ लगभग 50% व्यापार करता है, जबकि बांग्लादेश छठा सबसे बड़ा साझेदार है। नेपाल भी कभी शीर्ष 10 में था। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां मेक्सिको और कनाडा सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं — यही भौगोलिक वास्तविकता है।
चीन पर निवेश प्रतिबंध का सवाल
चीन से निवेश पर प्रतिबंध हटाने के सवाल पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन यह माना कि चीन भारत का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी देशों के साथ मजबूत व्यापारिक व्यवस्था नहीं बनती, तो भारत प्रतिस्पर्धा में नुकसान उठाता रहेगा।