भारत यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित एफटीए: व्यापारिक अवसरों में बढ़ोतरी, निवेश और सप्लाई चेन को मजबूत करने का मौका

India-EU FTA: भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हेर्वे डेल्फिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) 135 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दे सकता है। यह समझौता आर्थिक मौके खोलने के साथ-साथ दोनों देशों के व्यापारियों के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा। डेल्फिन ने कहा कि वैश्विक बाजार में टैरिफ बढ़ने और कई देशों के बाजार बंद करने के बीच यह समझौता व्यापार को विविधता और स्थिरता देने में मदद करेगा।
ईयू भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
बातचीत में चुनौती अभी भी बनी हुई
हालांकि, डेल्फिन ने यह भी स्वीकार किया कि प्रस्तावित एफटीए पर बातचीत चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। 13वीं बातचीत सितंबर में दिल्ली में हुई, लेकिन अपेक्षित बड़ी प्रगति नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि अब तक 11 चैप्टर पर सहमति बन चुकी है, जिनमें कस्टम्स, विवाद समाधान, डिजिटल ट्रेड, सतत खाद्य प्रणाली, एमएसएमई, प्रतिस्पर्धा, सब्सिडी और पूंजी आंदोलन शामिल हैं।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं
डेल्फिन ने कहा कि रूल्स ऑफ ओरिजिन और मार्केट एक्सेस जैसे अहम मुद्दे अभी भी बातचीत के अधीन हैं। यह मुद्दे दोनों पक्षों के लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं और इन पर सहमति बनने से ही एफटीए को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों को हल करना दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को और मजबूत बनाएगा।
एफटीए से दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मिलेगा लाभ
डेल्फिन ने आगे कहा कि भारत और यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे को पूरक हैं। एफटीए और निवेश संरक्षण समझौता दोनों ही आर्थिक संबंधों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ विश्व की दूसरी और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं होने के कारण द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से विकास की संभावना है।