भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 251.5 गीगावाट पहुंची, स्वदेशी सौर वैल्यू चैन बढ़ाने पर सरकार का जोर: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 251.5 गीगावाट हो गई है, जो 2030 तक देश के रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट 500 गीगावाट से आधे से अधिक है। यह जानकारी केंद्रीय न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से गुरुवार को दी गई।
उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी इनिशिएटिव को आगे बढ़ाने में राज्यों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये योगदान इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। जोशी ने इन उपलब्धियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का प्रमाण बताया, जिसने भारत के स्वच्छ ऊर्जा विकास और रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बदल दिया है और विकसित भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लगभग 20 लाख परिवार पहले ही प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने राज्यों और डिस्कॉम से सख्त गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करने, बिना देरी किए समझौतों को अंतिम रूप देने और उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम संभव टैरिफ क्रेडिट प्रदान करने का आग्रह किया।
पीएम-कुसुम योजना के बारे में, उन्होंने कहा कि शुरुआती संकोच के बाद, अब मुख्यमंत्रियों की ओर से अतिरिक्त आवंटन की मांग के साथ, इस योजना ने राज्यों में जोरदार गति पकड़ ली है। उन्होंने घोषणा की कि पीएम-कुसुम का दूसरा चरण मार्च 2026 में वर्तमान चरण के समाप्त होने के बाद शुरू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी हासिल कर लिया है।