विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: गाज़ियाबाद डासना जेल में मानसिक स्वास्थ्य के लिए हो रहे अहम प्रयास

गाज़ियाबाद। हर साल 10 सितंबर को "विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस" मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आत्महत्या जैसे संवेदनशील विषय पर जागरूकता बढ़ाना और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना है। आत्महत्या के पीछे मानसिक तनाव, अवसाद, पारिवारिक कलह, अकेलापन, और नशे की लत जैसे कई कारण होते हैं।
जेल अधीक्षक सीता राम शर्मा के अनुसार, इन पहलों से अब तक आत्महत्या की कोई घटना सामने नहीं आई है। डासना जेल में निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
प्रमुख पहलें:
🔸 जेल चौपाल:
जहां बंदी अपने विचार खुलकर साझा कर सकते हैं।
🔸 नियमित काउंसलिंग:
प्रशिक्षित मनोचिकित्सकों द्वारा मानसिक तनाव और अवसाद से जूझ रहे कैदियों की मदद की जाती है।
🔸 रात्रि पहरेदारों की नियुक्ति:
रात में सतर्कता बढ़ाने के लिए विशेष निगरानी की जाती है।
🔸 शिकायत पेटिका:
बंदियों को गुमनाम रूप से अपनी समस्याएं व्यक्त करने का अवसर मिलता है।
🔸 धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम:
इनसे मानसिक शांति और सामूहिक सकारात्मकता को बढ़ावा दिया जाता है।
🔸 शिक्षा व कौशल विकास:
बंदियों को पढ़ाई, व्यावसायिक प्रशिक्षण, और हुनरमंदी से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
🔸 योग और खेलकूद:
मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए नियमित रूप से अभ्यास कराया जा रहा है।
वरिष्ठ मनोचिकित्सकों का मानना है कि यदि समय रहते किसी व्यक्ति के व्यवहार में आ रहे बदलावों को पहचाना जाए—जैसे एकांतप्रियता, अचानक चुप हो जाना, नींद या भूख में बदलाव, निराशा की बातें करना—तो आत्महत्या को रोका जा सकता है।