यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक को बैंक धोखाधड़ी में चार साल की सजा, 30 हज़ार का जुर्माना भी लगाया

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, नोएडा की एसएसआई शाखा के प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव को बैंक धोखाधड़ी मामले में चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सीबीआई ने 29 सितंबर 2012 को चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद सात जुलाई 2017 को अदालत ने आरोप तय किए थे। इस वर्ष 22 अगस्त को मनोज श्रीवास्तव ने विशेष सीबीआई कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार करते हुए दोषी याचिका दायर की। शनिवार को विशेष न्यायाधीश ने इसे स्वीकार कर उन्हें चार साल की सजा सुनाई।
जांच में सामने आया कि कर्ज मंजूरी के लिए जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया, वे फर्जी थे। इनमें संपत्ति के कागजात और वित्तीय विवरण शामिल थे। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है। अदालत का यह फैसला बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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