बिहार चुनाव 2025: NDA बहुमत की ओर, बिना नीतीश कुमार सरकार बनाना मुश्किल, सियासत गरम
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों में एनडीए बहुमत की ओर बढ़ रहा है, जबकि महागठबंधन पिछड़ता नजर आ रहा है। सीएम पद को लेकर सियासी चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। इस बीच जदयू के दिग्गज नेता और पूर्व आईएएस मनीष कुमार वर्मा का फेसबुक पोस्ट राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है।
एनडीए की सीट गणना और बहुमत की चुनौती
दोपहर 1 बजे तक आए रुझानों के मुताबिक, अगर बिना नीतीश कुमार के एनडीए की सीटें देखें तो बीजेपी को 90, चिराग पासवान की लोजपा (राम) को 21, जीतन राम मांझी की पार्टी को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 4 सीट मिल रही हैं।
इन सभी सीटों का जोड़ केवल 120 होता है, जो कि बिहार में बहुमत के लिए जरूरी 122 सीटों से कम है। जदयू अकेले 82 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि बिना नीतीश कुमार के एनडीए के लिए सरकार बनाना चुनौतीपूर्ण होगा।
सीएम फेस को लेकर सियासी कयासों का दौर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मनीष वर्मा का फेसबुक पोस्ट जदयू के भीतर सीएम फेस को लेकर किसी भी संशय को खत्म करने का संकेत है। इससे सियासी तापमान बढ़ गया है और राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में रहेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि एनडीए की सरकार के गठन के लिए जदयू की भूमिका निर्णायक होगी। यदि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनते हैं, तो यह गठबंधन को मजबूती देगा, अन्यथा सरकार बनाने में जटिलता बढ़ सकती है।
महागठबंधन की स्थिति और आगे की राजनीति
वहीं, महागठबंधन की स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर दिख रही है। रुझानों के अनुसार, उनके लिए अब अपने गठबंधन को मजबूत करना और सीटों की संख्या बढ़ाना चुनौती बन गया है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अब पूरी सियासत जदयू और नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमेगी।
एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अगले कुछ घंटे और दिन परिणामों पर नजर रखेंगे। बिहार की सियासत में अगले कदम का निर्धारण इसी पर निर्भर करेगा कि जदयू के नेता और एनडीए गठबंधन किस रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं।
