"हम भारत का हिस्सा नहीं लगते…’पीयू विवाद पर फूटा बलकौर सिंह का दर्द, केंद्र पर पंजाब की पहचान कमजोर करने का आरोप”
Punjab News: पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव करवाने को लेकर जारी विवाद लगातार गहराता जा रहा है। छात्रों से लेकर राजनीतिक दलों तक, हर कोई इस लड़ाई में खुलकर उतर आया है। इस बीच कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब एक साजिश है, जिसका उद्देश्य पंजाब की शैक्षणिक स्वायत्तता को कमजोर करना है।
“विद्या की परंपरा पर चोट”-सुखपाल खैरा का केंद्र पर आरोप
मोर्चे का समर्थन करने पहुंचे सुखपाल खैरा ने कहा कि 133 साल पुरानी पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ एक संस्थान नहीं है, बल्कि पंजाब की सभ्यता और पहचान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 28 अक्टूबर की अधिसूचना को स्वयं गलत माना जा चुका है, लेकिन नया नोटिफिकेशन जारी न करना केंद्र की “संगठित योजना” को दर्शाता है।
राज्यों के अधिकारों पर हमला बताई गई कार्रवाई
खैरा ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम राज्यों की शक्तियों को कमज़ोर करने की रणनीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई शिक्षा नीति भी अल्पसंख्यक राज्यों के हित में नहीं है, और पंजाब सरकार को इसे लेकर निर्णायक कदम उठाने चाहिए।
“यह पंजाब की लड़ाई है”-पूर्व मंत्री का बड़ा बयान
पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि यह विवाद सिर्फ पंजाब यूनिवर्सिटी का नहीं, बल्कि पूरे पंजाब की अस्मिता का मुद्दा बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले सीनेट सदस्यों की संख्या कम करने की अधिसूचना जारी की गई, फिर दबाव में वापस ली गई, लेकिन नया आदेश अभी तक सामने नहीं आया।
पीयू पर कब्जे की तैयारी-केंद्र पर गंभीर आरोप
कोटली ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पीयू की स्वायत्तता को खत्म कर यूनिवर्सिटी पर संघ से जुड़े लोगों का नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रही है और अब समय आ गया है कि सभी दल एकजुट होकर मजबूती से आवाज उठाएं।
मूसेवाला के पिता का दर्द-“हम भारत का हिस्सा नहीं लगते”
मोर्चे का समर्थन करने पहुंचे दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार केवल पंजाब यूनिवर्सिटी ही नहीं, बल्कि बीबीएमबी समेत कई संस्थाओं को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा-“हमें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हम भारत का हिस्सा ही नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि पंजाब ने देश के लिए हमेशा बलिदान दिया है, फिर भी उसे उपेक्षा और असमानता का सामना करना पड़ रहा है।
“पीयू हमारी अस्मिता का प्रतीक”-बलकौर सिंह का आह्वान
बलकौर सिंह ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि पंजाब की पहचान, प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर पंजाबी का कर्तव्य है कि वह पीयू की स्वायत्तता को बचाने की लड़ाई में साथ खड़ा हो।
