बिहार चुनाव परिणाम 2025: हार के बावजूद तेजस्वी यादव की पार्टी RJD वोट शेयर में सबसे आगे
पटना- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में भले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिला हो और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सीटों की संख्या में पिछड़ गई हो, लेकिन मत प्रतिशत (Vote Share) के मामले में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली RJD राज्य की सभी पार्टियों में सबसे आगे रही है।
वोट प्रतिशत का गणित
चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, RJD को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) दोनों से अधिक मत प्रतिशत मिला है:
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RJD: लगभग 23.00 % वोट शेयर के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी रही।
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BJP: लगभग 20.08 % वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही।
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JDU: लगभग 19.25 % वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही।
- कांग्रेस को 8.71 % प्रतिशत वोट मिली, पांचवें नंबर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी है। चिराग के दल- लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5.46 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि प्रशांत किशोर की जनसुराज केवल 2 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकी।
सीटों में पिछड़े, वोट में अव्वल क्यों?
यह एक दिलचस्प आंकड़ा है कि सीटों की दौड़ में RJD तीसरे स्थान पर खिसक गई, लेकिन वोट शेयर में नंबर वन बनी रही। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे यह कारण हो सकता है:
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कांग्रेस का कमज़ोर प्रदर्शन: महागठबंधन में कांग्रेस को दी गई अधिक सीटें (61), जिनमें से वह मुश्किल से एक अंक में जीत पाई, ने RJD के कुल सीटों के टैली को नीचे खींच दिया। RJD को मिली अधिकांश सीटें उसकी MY (मुस्लिम-यादव) बेस वाली सीटों पर केंद्रित थीं।
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वोटों का अधिक बिखराव: RJD को भले ही पूरे राज्य में वोट मिले, लेकिन कई सीटों पर ये वोट जीत में तब्दील नहीं हो पाए, जिससे सीटों की संख्या कम रही, जबकि मत प्रतिशत अधिक बना रहा।
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NDA का प्रभावी गठबंधन: NDA ने अपने सहयोगियों (JDU, LJP (रामविलास) आदि) के साथ मिलकर वोटों का प्रभावी रूप से बंटवारा किया और अपने वोट प्रतिशत को अधिक सीटों में बदलने में कामयाब रही।
तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत जीत
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने अपने परिवार के गढ़ राघोपुर सीट पर भाजपा के सतीश कुमार को 14,532 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की है। यह सीट एक कांटे की टक्कर में फंसी हुई थी, जहाँ तेजस्वी को शुरुआती राउंड में पीछे भी चलना पड़ा था।
यह आंकड़ा दिखाता है कि भले ही RJD सत्ता से दूर रही, लेकिन तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत लोकप्रियता और पार्टी का जनाधार (वोट शेयर के रूप में) अभी भी बिहार में मजबूत है।
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