“सब्जी में नमक से बिहार के मसाला किंग तक: चिराग पासवान का राजनीतिक सफर और 2030 में CM बनने की संभावना”
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान का राजनीतिक कद और बढ़ गया है। लोजपा ने कुल 29 में से 19 सीटों पर जीत हासिल कर एनडीए को 200 सीटों के आंकड़े तक पहुंचाया। इस जीत में चिराग की रणनीति और उम्मीदवार चयन की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिससे उन्होंने महागठबंधन से 17 सीटें छीन ली हैं।
लोकसभा में पांच सीटों पर जीत से आया नया उत्साह
चिराग पासवान का उदय 2024 के लोकसभा चुनावों में स्पष्ट हुआ, जब उनकी पार्टी ने लड़ी हुई सभी पांच सीटें जीत ली। इससे चिराग की पार्टी की राजनीतिक ताकत और बिहार में उनके प्रभाव की पहचान हुई। इसके साथ ही दलित नेताओं के रूप में चिराग का उभार मायावती और जीतन राम मांझी जैसे अन्य नेताओं से उन्हें अलग खड़ा करता है।
राजनीति से पहले बॉलीवुड का सफर
राजनीति में आने से पहले चिराग ने 2011 में 'मिले ना मिले हम' से बॉलीवुड में कदम रखा। 2014 में उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान को एनडीए गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी किया। इसके बाद 2014 में जमुई से सांसद बने और 2019 में पुनः उसी सीट से जीत दर्ज की। 2024 में उन्होंने हाजीपुर से चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री पद संभाला।
बिहार विधानसभा चुनाव 2030 में सीएम की कुर्सी का सपना
42 वर्षीय चिराग पासवान 2030 के बिहार चुनाव में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। उनके वर्तमान प्रदर्शन और राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए उन्हें एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है।
