बिहार में जमीन खरीदना होगा महंगा: नए साल से रजिस्ट्री शुल्क 100% तक बढ़ने के आसार, सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी
Bihar News: बिहार में नया साल आते ही जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो सकती है। राज्य सरकार मार्केट वैल्यू रेट यानी सर्किल रेट में बड़े पैमाने पर संशोधन की तैयारी कर रही है। इससे जमीन की सरकारी कीमतें बढ़ेंगी और रजिस्ट्री के दौरान खरीदारों को ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा। सरकार को इस कदम से राजस्व बढ़ने की उम्मीद है।
ढाई से तीन गुना तक बढ़ सकता है शुल्क
जमीन और मकानों की कीमत में भी बढ़ोतरी की आशंका
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने सभी जिला अवर निबंधकों को निर्देश जारी किए हैं कि सर्किल रेट का बड़े स्तर पर पुनरीक्षण किया जाए। नई दरों के लागू होने के बाद जमीन व मकान की कीमतें भी स्वाभाविक रूप से बढ़ सकती हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का अलग-अलग वर्गीकरण
जारी निर्देशों के अनुसार भूमि का मूल्यांकन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग किया जाएगा। सड़क, बाजार, विकास कार्य और जनसंख्या को आधार बनाकर पंचायत स्तर पर कमेटियां रिपोर्ट तैयार करेंगी। रिपोर्ट की जांच के बाद सीओ इन्हें जिला मूल्यांकन समिति को भेजेंगे।
पुराने रेट के चलते सरकार को हो रहा था नुकसान
माना जा रहा है कि नए मूल्यांकन में वास्तविक बाजार भाव को प्राथमिकता दी जाएगी। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों के रेट वर्ष 2016 और ग्रामीण क्षेत्रों के रेट वर्ष 2013 के आधार पर तय होते हैं। इस पुराने सिस्टम के कारण सरकार को बड़े स्तर पर राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा था।
30% से 100% तक बढ़ सकता है एमवीआर
कई जिलों में सर्किल रेट बाजार मूल्य से बेहद कम हैं। ऐसे इलाकों में जैसे ही नया एमवीआर लागू होगा, रजिस्ट्री का खर्च 30% से 100% तक बढ़ सकता है। जिन क्षेत्रों में पुरानी दर और मौजूदा बाजार दर के बीच बेहद ज्यादा अंतर है, उन मौजों की सूची सबसे पहले तैयार की जाएगी।
हर साल लक्ष्य बढ़ता है पर दरें स्थिर होने से मुश्किल
कटिहार के जिला अवर निबंधन पदाधिकारी अजय कुमार के अनुसार “ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन का एमवीआर 2014 और शहरी क्षेत्रों का 2016 से नहीं बढ़ाया गया है। इस बीच जमीन की बाजार दर कई गुना बढ़ चुकी है। पुरानी दर से रजिस्ट्री होने से सरकार के राजस्व लक्ष्य पूरे करने में दिक्कत होती है।”
