लेह हिंसा: सोनम वांगचुक की NGO का FCRA लाइसेंस रद्द, LG कविंदर गुप्ता ने बताया सुनियोजित साजिश, नेपाल के 7 लोग घायल

लेह। लद्दाख के लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की NGO—स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL)—का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान नियमों के उल्लंघन और रिपोर्टिंग में अनियमितताओं का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। इस बीच, लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) कविंदर गुप्ता ने हिंसा को 'सुनियोजित साजिश' करार दिया, जिसमें एक राजनीतिक पार्टी का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने नेपाल के 7 लोगों के घायल होने का जिक्र करते हुए विदेशी साजिश की आशंका जताई।
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, SECMOL को सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए FCRA रजिस्ट्रेशन (नंबर 152710012) दिया गया था। लेकिन मंत्रालय ने पाया कि NGO ने धारा 8(1)(a), 17, 18, 19 का उल्लंघन किया। मुख्य आरोप विदेशी और स्थानीय फंड का गलत इस्तेमाल। लेखा विवरण में गड़बड़ी, जैसे 2021-22 में सोनम वांगचुक द्वारा 3.5 लाख रुपये का जमा, जो FCRA खाते में नहीं दिखा। बिना FCRA के 1.5 करोड़ रुपये की विदेशी रेमिटेंस प्राप्ति। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) के 7 खातों में से 4 अनिर्दिष्ट।
20 अगस्त 2025 को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जवाब संतोषजनक न होने पर 25 सितंबर को लाइसेंस रद्द कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि सोनम वांगचुक के भड़काऊ भाषणों (अरब स्प्रिंग और नेपाल के Gen Z प्रदर्शनों का जिक्र) ने भीड़ को उकसाया।
लेह हिंसा की पृष्ठभूमि
24 सितंबर को लेह में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और 6वीं अनुसूची लागू करने की मांग पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने बीजेपी कार्यालय, हिल काउंसिल और वाहनों पर हमला किया। पुलिस ने आंसू गैस और फायरिंग की, जिसमें 4 लोगों की मौत और 80 से अधिक घायल हुए। 50 लोगों को हिरासत में लिया गया, और लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर से 15 दिनों का अनशन समाप्त किया था।
LG कविंदर गुप्ता का बयान
न्यूज18 इंडिया को दिए इंटरव्यू में LG गुप्ता ने कहा, "यह कोई अचानक घटना नहीं, बल्कि लद्दाख को जलाने की सुनियोजित साजिश थी।" उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि हिंसा फैलाने के लिए बाहरी लोगों को बुलाया गया। नेपाल के 7 लोगों के घायल होने का जिक्र करते हुए विदेशी हाथ की आशंका जताई: "हमारे पास पूरी जानकारी है कि कौन विदेश जाता है और पैसा कहां से आता है।" LG ने दावा किया कि हिंसा के बाद कई उपद्रवी लेह से भाग गए हैं, और जांच तेज है। "साजिश करने वालों का हिसाब होगा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने शांति की अपील की और कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि सभी जायज मांगें समयबद्ध तरीके से पूरी होंगी।
सोनम वांगचुक का बयान
सोनम वांगचुक ने FCRA रद्द करने को "विच हंट" बताया। उन्होंने कहा, "यह मेरे खिलाफ जांच का हिस्सा है। विदेशी फंड की जांच CBI कर रही है, लेकिन यह लद्दाख की मांगों को दबाने की कोशिश है।" उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी सरकार के लिए और समस्या पैदा करेगी, और यह "स्कैपगोट टैक्टिक" है। वांगचुक ने शांति बनाए रखने की अपील की।
कांग्रेस ने हिंसा को बीजेपी सरकार की नाकामी बताया, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पर भीड़ भड़काने का आरोप लगाया। जेकेसीएम उमर अब्दुल्ला ने शांति की अपील की। यह घटना 1989 के बाद लेह की सबसे हिंसक मानी जा रही है।