मध्य प्रदेश में 'पहले कुर्सी से उठो, पीछे बैठो...' DM रुचिका चौहान का महिला पार्षदों के पतियों पर फूटा गुस्सा, भरी मीटिंग में लगाई फटकार

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने एक मीटिंग में महिला पार्षदों की जगह बैठे उनके पतियों को कड़ी फटकार लगाई। बाल भवन में आयोजित इस मीटिंग में शहर की स्वच्छता, सड़क और अन्य समस्याओं पर चर्चा होनी थी। लेकिन जब कलेक्टर ने देखा कि कुछ महिला पार्षदों की जगह उनके पति कुर्सियों पर बैठे हैं, तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए उन्हें तुरंत कुर्सी छोड़कर दर्शक दीर्घा में बैठने का आदेश दिया। यह घटना अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
कलेक्टर ने पतियों को सख्त लहजे में फटकार लगाई और उन्हें मीटिंग में पार्षदों की भूमिका निभाने से रोका। इसके बाद सभी पार्षद पतियों को दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए भेज दिया गया। इस घटना ने वहां मौजूद लोगों को हैरान कर दिया, लेकिन कई लोगों ने कलेक्टर की इस कार्रवाई को महिला सशक्तिकरण की दिशा में साहसिक कदम बताया।
कलेक्टर का बयान
कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस मामले पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा, "ग्वालियर नगर निगम प्रदेश के प्रमुख नगर निगमों में से एक है। मीटिंग में कुछ महिला पार्षदों के साथ उनके पति भी शामिल थे। हमारा मानना है कि जो व्यवस्था तय की गई है, वह सोच-समझकर बनाई गई है। महिलाओं को जिस क्षेत्र में प्रतिनिधित्व का अधिकार मिला है, वहां उन्हें अपनी जिम्मेदारी खुद निभानी चाहिए। मीटिंग में स्वयं अपनी बात रखने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को आरक्षण देने वाले विधेयकों का मकसद यही है कि वे अपनी भूमिका निभाएं और समाज में योगदान दें।"