दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एलिवेटेड रोड के पिलर को भारी बारिश और बाढ़ से सुरक्षा, आठ मीटर तक जैकेटिंग का ऐलान

Uttarakhand News: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के 12 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड के पिलरों को अतिरिक्त सुरक्षा देने की तैयारी की जा रही है। एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार पिलरों के निचले हिस्से पर जरूरत के अनुसार आठ मीटर तक की ऊंचाई पर जैकेटिंग की जाएगी। इसका मकसद है कि भारी वर्षा और बाढ़ के दौरान बड़े बोल्डर सीधे पिलरों से टकरा न सकें।
पिलरों की सुरक्षा और मानसून के खतरे
पिलरों पर जैकेटिंग प्रक्रिया
पानी के सीधे बहाव वाले 24 से 30 पिलरों का चयन किया गया है। इन पिलरों पर जरूरत के अनुसार दो, चार और आठ मीटर तक की ऊंचाई पर जैकेटिंग की जाएगी। पिलरों पर ड्रिल कर सरिया डाला जाएगा और फिर सरियों का जाल बाहर से लगाया जाएगा। यह जाल इस तरह तैयार किया जाएगा कि बोल्डर के टकराने पर उसका बल सरियों तक सीमित रहे। परियोजना अभी ठेकेदार के अधीन है, इसलिए इसमें अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा।
सेना के भारी वाहनों से सुरक्षा क्षमता का परीक्षण
एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने बताया कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना युद्ध अभ्यास में जुटी थी। इस दौरान करीब 100 भारी वाहन एलिवेटेड रोड से गुजरे। इतने बड़े वाहनों का एक साथ गुजरना पहली बार हुआ, और इस दौरान एलिवेटेड रोड की सुरक्षा क्षमता का सफल ट्रायल किया गया।
वर्तमान में एलिवेटेड रोड से यातायात संचालन
हाल ही में हुई आपदा के कारण दिल्ली-देहरादून राजमार्ग के एक हिस्से, मोहंड के पास, धंस गए थे। इसके बाद फिलहाल यातायात का संचालन एलिवेटेड रोड के माध्यम से ही किया जा रहा है। एनएचएआई ने बताया कि सुरक्षा और संरचना को देखते हुए यह मार्ग सबसे सुरक्षित विकल्प बना हुआ है।