जयपुर में अस्पताल की लापरवाही का बड़ा खुलासा, सोनोग्राफी मशीन जब्त, संचालक पर गिरी गाज

Jaipur News: जयपुर जिले के रायथल क्षेत्र में एक निजी अस्पताल की गंभीर लापरवाही सामने आई है। अस्पताल की लापरवाही के कारण 25 वर्षीय प्रसूता मोनिका कंवर और उनके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों में रोष है और मामला पुलिस व चिकित्सा विभाग तक पहुंचा।
विभागीय कार्रवाई और एफआईआर दर्ज
जांच कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने एक विशेष जांच कमेटी गठित की, जिसने अस्पताल का निरीक्षण किया। रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। सुनीता महिला एवं जनरल हॉस्पिटल, रायथल को सीज़ कर दिया गया है और अस्पताल संचालक सुरेश कुमार एवं संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सोनोग्राफी मशीन भी सीज़
निरीक्षण के दौरान सोनोग्राफी मशीन में भी अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उसे भी तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिया गया। इसके अलावा अस्पताल स्टाफ और पंजीकरण दस्तावेजों में भी खामियां मिलीं।
प्रसूता की पहचान और घटना का सिलसिला
मृतका मोनिका कंवर (25) बड़ी खाटू, जिला नागौर की मूल निवासी थीं और हाल ही में अपने पीहर ग्राम रोजदा, खंड जालसू (जयपुर) में रह रही थीं। 20 सितंबर की रात प्रसव पीड़ा के चलते उन्हें रायथल स्थित सुनीता महिला एवं जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल रेफर
परिजनों के अनुसार, अस्पताल में उन्हें सही उपचार नहीं मिला और उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। अगले दिन उन्हें चौमूं के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
परिजनों ने कालाडेरा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने अप्राकृतिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज किया। जिला पुलिस अधीक्षक, जयपुर के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड गठित कर चौमूं उप जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाया गया।
चिकित्सा अधिकारियों की पुष्टि
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि अस्पताल निरीक्षण के दौरान एक महिला चिकित्सक मिली, जिसने खुद को BAMS, CGO बताया। वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज़ सही नहीं मिले।
सरकार का सख्त संदेश
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच और दस्तावेज़ सत्यापन कराया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा बनी रहे।