सिद्धार्थनगर में आधी रात हटाई गईं देवी-देवताओं की मूर्तियां, भाजपा सांसद भड़के

सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के नौगढ़ विकास भवन गेट के सामने 42 वर्षों से स्थापित देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियों को प्रशासन ने मंगलवार आधी रात बिना किसी पूर्व सूचना के हटा दिया। बुधवार सुबह इसकी जानकारी मिलने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। दोपहर बाद भाजपा सांसद जगदंबिका पाल समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने डीएम और सदर एसडीएम को जिम्मेदार ठहराते हुए धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप लगाया।
विकास भवन गेट के बाहर सटे हुए स्थान पर प्रभुनाथ तिवारी द्वारा स्थापित ये मूर्तियां 42 वर्ष पुरानी हैं। तिवारी ने बताया कि स्थापना के समय तत्कालीन एसडीएम ने ही मूर्तियां प्रदान की थीं। प्रशासन ने रात के अंधेरे में बिना सूचना के इन्हें हटा दिया, जिससे कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, "ये मंदिर न तो आवागमन के रास्ते में था, न विकास भवन में था, न किसी को कोई दिक्कत थी। फिर ये क्यों किया गया? मैं मुख्यमंत्री को बताऊंगा।"
सांसद ने डीएम डॉ. राजा गणपति आर और सदर एसडीएम को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मूर्ति हटवाने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग भी की। धरना डेढ़ घंटे से अधिक चला, जिसमें सांसद ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव को दे दी। बाद में सांसद चले गए, लेकिन समर्थकों का धरना जारी रहा। इस दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
डीएम का पक्ष: सम्मानजनक स्थान पर प्रतिष्ठापन का आश्वासन
डीएम डॉ. राजा गणपति आर ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थल के पास लोग शौच आदि कर रहे थे, जिससे स्वच्छता प्रभावित हो रही थी। तीन महीनों से मूर्तियों को हटाकर दूसरे सम्मानजनक स्थान पर स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही थी। उन्होंने कहा, "स्थानीय विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष आदि से बात कर सम्मानजनक तरीके से मूर्तियां हटाई गईं। शीघ्र ही इन्हें विकास भवन के पास अच्छी जगह पर पुनः स्थापित कर दिया जाएगा।" डीएम ने शारदीय नवरात्रि के दौरान हुई इस कार्रवाई पर खेद जताते हुए कहा कि कोई धार्मिक भावना आहत करने का इरादा नहीं था।
विनाश की सेक्युलर प्रकृति पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक कार्रवाइयों की 'सेक्युलर' प्रकृति पर बहस छेड़ दी है। सांसद जगदंबिका पाल की आंखों में हैरानी साफ झलक रही थी, जब वे कह रहे थे कि यह धार्मिक भावनाओं पर सीधी चोट है। घटना शारदीय नवरात्रि के दौरान हुई, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में गुस्सा भड़क गया। सांसद के धरने के दौरान सैकड़ों समर्थक जुट गए, जो नारों के माध्यम से विरोध जता रहे थे।
अयोध्या विवाद से जोड़ते हुए विनय कटियार का बयान
इसी बीच, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का एनओसी न मिलने की खबरों के बीच भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार का विवादित बयान सामने आया। उन्होंने कहा, "अयोध्या में मस्जिद नहीं बनने देंगे। मुसलमानों को अयोध्या छोड़कर चले जाना चाहिए।" यह बयान सिद्धार्थनगर घटना के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, जहां धार्मिक स्थलों को लेकर संवेदनशीलता बरतने की मांग तेज हो गई है।