सुरेश राणा ने आजम खान पर साधा निशाना- मुजफ्फरनगर दंगों का पाप तो भुगतना ही पड़ेगा, निर्दोषों की बद्दुआओं का असर

शामली। भाजपा के फायरब्रांड नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की हालिया रिहाई पर तीखा प्रहार किया है। आजम खान को 23 महीने जेल काटने के बाद 23 सितंबर को सितापुर जेल से रिहा किया गया था, जिस पर सुरेश राणा ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों में निर्दोषों के साथ हुए अत्याचारों का पाप आजम खान को भुगतना ही पड़ेगा।
कोर्ट का फैसला, लेकिन न्याय का सवाल
सुरेश राणा ने कहा, "आजम खान की रिहाई कोर्ट का विषय है, और मैं कोर्ट पर टिप्पणी नहीं कर सकता। कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कानून के उल्लंघन को किसी को छूट नहीं मिलेगी।" उन्होंने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि आजम खान के इशारे पर हजारों निर्दोष लोग जेल गए, किसान परिवार बर्बाद हुए। फर्जी मुकदमों में वोटर लिस्ट के नामों पर आधारित नामजदगी की गई, यहां तक कि जो लोग दुनिया में थे ही नहीं, उनके नाम भी शामिल किए गए।
राणा ने कहा, "उन निर्दोषों की बद्दुआएं जो लंबे समय तक जेल काटते रहे, घर छोड़ने पर मजबूर हुए, वे आज भी आजम खान को दोषी मानते हैं। विधि का विधान है, इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। आज भी कई लोग उनके कारण बर्बाद हैं।" उन्होंने दंगों में 62 से अधिक मौतें, सैकड़ों घायल और 50,000 से ज्यादा विस्थापित होने का हवाला दिया, जहां आजम खान पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगा था।
दंगों का काला अध्याय
2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में जाट और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा भड़की, जिसमें आजम खान पर स्टिंग ऑपरेशन में पुलिस को निर्देश देने का आरोप लगा। सुरेश राणा खुद दंगों से जुड़े मामलों में आरोपी रहे, लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने निर्दोषों के खिलाफ केस वापस लेने का काम किया। आजम खान की रिहाई पर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुशी जताई और कहा कि सत्ता में आने पर फर्जी केस वापस लेंगे, लेकिन राणा ने इसे राजनीतिक ड्रामा बताया।
यह बयान आजम खान की रिहाई के ठीक एक दिन बाद आया, जब सैकड़ों समर्थक जेल के बाहर जमा हुए थे। सुरेश राणा का यह बयान भाजपा की ओर से एसपी पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाने का हिस्सा माना जा रहा है।