GST दर कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाना चुनौती, यूपी में लागू करने में आ रही मुश्किलें

लखनऊ। केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है, लेकिन राज्य स्तर पर इसे लागू करना और इसका वास्तविक लाभ ग्राहकों तक पहुँचाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की मानें तो खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच विवाद की आशंका बनी हुई है।
उपभोक्ता अपेक्षा और वास्तविक कमी में अंतर
उत्तर प्रदेश के अधिकारी यह सुनिश्चित करने की तैयारी कर रहे हैं कि GST दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचे, क्योंकि नई दरें सोमवार से पूरे देश में लागू हो रही हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ताओं की अपेक्षाएँ अक्सर वास्तविक कमी से मेल नहीं खाती हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी वस्तु पर GST दर 18% से घटाकर 4% कर दी जाती है, तो उपभोक्ता मान लेते हैं कि कीमत सीधे 14% कम हो जाएगी। हालांकि, परिवहन, डीलर मार्जिन और अन्य लागतों को शामिल करने के कारण वास्तविक कमी कम होती है। अपेक्षाओं में यह बेमेल खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच विवाद का कारण बन सकता है।
कंपनियों की 'चालाकी' पर आशंका
राज्य कर विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त आयुक्त जयेन्द्र कुमार ने आशंका व्यक्त की कि बहुत कुछ डीलरों की ईमानदारी पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि कई कंपनियाँ अक्सर उत्पादन लागत बढ़ने के नाम पर आधार मूल्य बढ़ाकर, या पैकेट का आकार छोटा करके कर कटौती के शुद्ध लाभ से उपभोक्ताओं को वंचित करने की चालें चलती हैं।
कुमार ने उदाहरण दिया कि सरकार ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर 18% GST हटा दिया है, जिससे ग्राहकों को राहत मिलनी चाहिए, लेकिन बीमा कंपनियाँ पहले से ही बहाने बना रही हैं।
जागरूकता और समन्वय पर जोर
विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग शुरुआती जटिलताओं से अवगत है और उनसे निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारी राज्य भर के व्यापारी संगठनों के साथ नियमित बैठकें कर रहे हैं, उन्हें दरों में संशोधन के बारे में शिक्षित कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कह रहे हैं कि लाभ ग्राहकों तक अवश्य पहुँचे।
चुनौतियों का समाधान करने के लिए, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पूर्व-पैक वस्तुओं के निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को GST दरों में बदलाव के बाद बिना बिके स्टॉक पर संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य (MRP) घोषित करने की अनुमति दी है।
लखनऊ में तैनात अपर आयुक्त (CGST) उग्रसेन धर द्विवेदी ने कहा कि GST की नई दरों को लेकर जनता को जागरूक करना ही सबसे बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत परिणाम निचले स्तर पर जागरूकता चलाकर ही हासिल किया जा सकता है। बड़ी कंपनियाँ तो लागू कर देंगी, लेकिन छोटे स्तर पर सरकार को नजर रखने की ज़रूरत है ताकि इसका सही तरीके से इम्प्लीमेंटेशन हो सके।
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