मुजफ्फरनगर टोल प्लाजा मामला: गठवाला खाप की आपात पंचायत, मांगेराम त्यागी को दी चेतावनी

मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छपार टोल प्लाजा पर डिप्टी मैनेजर अरविंद पांडे की हत्या के बाद शुरू हुए विवाद ने अब जातीय रंग ले लिया है। त्यागी ब्राह्मण भूमिहार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख व ठेकेदार विनोद मलिक के बीच टकराव के बाद गठवाला खाप ने बुधाना के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आपात पंचायत बुलाई। पंचायत ने मांगेराम त्यागी को 'दलाल' और 'पर्वर्ती' तक कहते हुए छपार टोल से हटाने की मांग की। इस घटना ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है।
दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर स्थित छपार टोल प्लाजा पर 19 सितंबर को डिप्टी मैनेजर अरविंद पांडे (30) की क्रूर हत्या कर दी गई। देरी से ड्यूटी आने पर दो कर्मचारियों को टोकने पर नाराज होकर उन्होंने अपहरण कर चाकू से गोद दिया। मैनेजर मुकेश चौहान भी गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस ने मुठभेड़ में तीन आरोपियों—शुभम चौधरी, शेखर और प्रदीप कुमार—को गिरफ्तार किया। चौथे आरोपी की तलाश जारी है।
हत्या के बाद टोल कॉन्ट्रेक्टर व पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक ने मुआवजे की मांग को लेकर धरना शुरू किया। मांगेराम त्यागी भी अरविंद पांडे के परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर धरने में शामिल हो गए और विनोद मलिक पर हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया।
दोनों पक्षों में मारपीट, पुलिस ने संभाला
धरने के दौरान मांगेराम त्यागी और विनोद मलिक के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई, जो मारपीट और गाली-गलौज तक पहुंच गई। पुलिस ने किसी तरह दोनों पक्षों को शांत किया, लेकिन विवाद तूल पकड़ता चला गया। पंचायत का दौर शुरू हो चुका है।
गठवाला खाप की पंचायत में तीखे हमले
बुधाना के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में गठवाला खाप के थानेदार बाबा श्याम सिंह मलिक की अध्यक्षता में आपातकालीन पंचायत का आयोजन हुआ। विभिन्न वक्ताओं ने मांगेराम त्यागी पर अपशब्दों की बौछार की। उन्होंने त्यागी को 'दलाल' और 'पर्वर्ती का आदमी' करार दिया। पंचायत ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मांग की कि मांगेराम त्यागी को छपार टोल प्लाजा से तत्काल हटाया जाए।
राष्ट्रीय त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज के धरने के बाद गठवाला खाप का यह कदम मामले को जातीय संघर्ष का रूप देने का प्रयास माना जा रहा है। पंचायत में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जहां शांति बनाए रखने की अपील की गई, लेकिन तनाव बरकरार है।
अब आने वाला समय ही बताएगा कि विवाद और बढ़ेगा या दोनों पक्षों में शांतिपूर्ण समझौता होगा। स्थानीय प्रशासन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। यह घटना टोल प्लाजा पर सुरक्षा और जातीय तनाव की समस्या को उजागर कर रही है।