मुजफ्फरनगर में टोल डिप्टी मैनेजर हत्याकांड: त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज ने घेरा DM कार्यालय
2 करोड़ मुआवजे की मांग, रालोद नेता का ठेका किया जाए निरस्त

मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित छपार टोल प्लाजा के डिप्टी मैनेजर अरविंद पांडे की नृशंस हत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में पुलिस की कथित लापरवाही और टोल ठेकेदार पर साजिश के आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज समिति ने सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय का घेराव किया और धरना दिया।
विनोद मलिक पर साजिश रचने और संरक्षण देने का आरोप
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने टोल प्लाजा ठेकेदार और रालोद नेता पूर्व प्रमुख विनोद मलिक पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें डिप्टी मैनेजर की हत्या का जिम्मेदार ठहराया।
मांगेराम त्यागी ने आरोप लगाया कि टोल पर चल रही अनियमितताओं को उजागर होने से बचाने के लिए विनोद मलिक ने दबाव बनाया और फिर अपने प्रभाव वाले क्षेत्र के कर्मियों को शह देकर अरविंद पांडे की हत्या की साजिश रची। उन्होंने टोल ठेकेदार पर अपने खिलाफ लगाए गए 'पैसे मांगने' के आरोप को भी बेबुनियाद बताया।
अपहरण और नृशंस हत्या का मामला
घटना 18 सितंबर की देर रात की है, जब टोल के दो कर्मियों शुभम चौधरी और शिव मलिक ने अपने अज्ञात साथियों के साथ मिलकर डिप्टी मैनेजर अरविंद पांडे का उनके कमरे से अपहरण कर लिया और उनकी हत्या करके शव को मेरठ में फेंक दिया था।
डीएम को सौंपा ज्ञापन, रखी 5 प्रमुख मांगें
समिति के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने समाज के लोगों के साथ जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से वार्ता कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार विनोद मलिक ने शव मिलने से पहले ही पुलिस के समक्ष 'हत्या की पुष्टि' जैसे शब्द कहे थे, जो गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। साथ ही, पीड़ित परिवार से दूरी बनाए रखने और उल्टा टोल पर भीड़ जुटाकर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया गया।
समिति ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए निम्नलिखित पाँच प्रमुख मांगें रखी हैं:
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₹2 करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
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हत्या की उच्चस्तरीय एवं निष्पक्ष जांच कर दोषियों को संरक्षण देने वालों सहित कठोर दंडित किया जाए।
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विनोद मलिक एवं उनकी मैनपावर कम्पनी का टोल प्लाजा ठेका निरस्त कर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए।
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पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।
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टोल प्लाजा पर दबंग प्रवृत्ति के लोगों की भर्ती प्रक्रिया की जांच की जाए।
मांगेराम त्यागी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो समिति समाज के साथ मिलकर बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी और जल्द ही महापंचायत बुलाने का भी ऐलान किया।
विनोद मलिक ने आरोपों को नकारा
दूसरी ओर, रालोद नेता और टोल ठेकेदार विनोद मलिक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा है कि वह स्वयं टोल कर्मियों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हैं और आरोपियों पर सख्त कार्यवाही खुद भी चाहते हैं।