ठाणे कोर्ट ने 18 साल पुराने रेलवे रिश्वत मामले में शिवाजी मशाल को किया बरी, कहा- ठोस सबूत नहीं मिले

Thane CBI Shivaji Mashal News: ठाणे की विशेष सीबीआई अदालत ने रेलवे के पूर्व प्वाइंटमैन शिवाजी श्रीपत मशाल को 18 साल पुराने रिश्वतखोरी मामले में बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। यह फैसला दो दिसंबर को दिया गया, जिसकी प्रति अब मीडिया को उपलब्ध कराई गई।
मामले की पृष्ठभूमि और आरोप
कोर्ट ने सबूतों की कमी को माना मुख्य कारण
अदालत ने यह माना कि मशाल के खिलाफ रिश्वत मांगने या लेने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला। उस दिन मशाल को स्टेशन मास्टर निन्ने के दफ्तर में अस्थायी तौर पर तैनात किया गया था क्योंकि नियमित चपरासी छुट्टी पर था। शिकायतकर्ता और निन्ने दोनों ही मुकदमे के दौरान मृत्यु हो चुके हैं।
गवाहों के बयान भी साबित नहीं हुए
जज डी. एस. देशमुख ने बताया कि अभियोजन पक्ष के दो गवाहों से पूछताछ की गई, लेकिन उनके बयान से मामले को कोई मजबूती नहीं मिली। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि सीबीआई ने स्वयं मामले को वापस लेने की अर्जी दी थी, क्योंकि मामले में कई गंभीर समस्याएं थीं।
कोर्ट का निष्कर्ष और फैसले की सार्थकता
जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि मशाल ने मृतक स्टेशन मास्टर की ओर से 1,000 रुपये की रिश्वत ली थी। इसलिए कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए मशाल को बरी कर दिया। इस फैसले से स्पष्ट हुआ कि ठोस सबूत के बिना किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।