अंता विधानसभा उपचुनाव: सीट पर होगी कांटे की टक्कर, नरेश मीणा कर सकते हैं चुनाव में उलटफेर

Rajasthan News: पूर्व विधायक की विधायकी समाप्त होने के बाद अंता विधानसभा सीट खाली हो गई है। इसके उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है और 11 नवंबर को मतदान किया जाएगा। परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। गजट नोटिफिकेशन 13 अक्टूबर को जारी किया जाएगा, जबकि प्रत्याशी 21 अक्टूबर तक नामांकन कर सकेंगे। नामांकन की जांच 23 अक्टूबर को होगी और 27 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं।
अंता विधानसभा का मतदाता गणित
पिछली चुनावी इतिहास और जीत-हार का विश्लेषण
पिछले तीन चुनावों में अंता सीट पर दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। 2013 में भाजपा के प्रभूलाल सैनी ने प्रमोद जैन भाया को 3,399 वोटों से हराया था। 2018 में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने भाजपा के प्रभूलाल सैनी को 34,063 वोटों से हराया। 2023 में भाजपा के कंवरलाल मीणा ने प्रमोद जैन भाया को 5,861 वोटों से पराजित किया। इस बार का मुकाबला पिछली लड़ाइयों से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और रोचक होने की संभावना है।
राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां और दावेदारों की स्थिति
उपचुनाव की घोषणा होते ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस इस बार भी प्रमोद जैन भाया को टिकट देने पर विचार कर रही है। भाजपा में पूर्व विधायक सहित कई बड़े नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं। राजनीतिक गलियारों में अचानक उभरते नरेश मीणा पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
नरेश मीणा के संभावित दांव और चुनाव की उलझन
सूत्रों के अनुसार, नरेश मीणा प्रमोद जैन भाया के कट्टर विरोधी हैं। यदि कांग्रेस भाया पर दांव खेलेगी तो नरेश मीणा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इससे इस उपचुनाव की रोचकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।
अंता सीट का पिछला विधायक और राजनीतिक पृष्ठभूमि
अंता सीट पर पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा का कब्जा था। करीब 20 साल पहले एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में उन्हें कोर्ट ने दंडित किया, जिसके कारण इस साल मई में उनकी विधायकी समाप्त हो गई और सीट खाली हो गई। कंवरलाल मीणा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को हराया था।