ऋषिकेश एम्स में 2.73 करोड़ का घोटाला: कार्डियो सीसीयू में जीवनरक्षक उपकरण गायब, सीबीआई ने मुकदमा दर्ज

Uttarakhand News: ऋषिकेश एम्स में कार्डियो विभाग के कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) के निर्माण में लगभग 2.73 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। पर्दे, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और मरीजों के लिए जीवनरक्षक उपकरण डिफिब्रिलेटर समेत कई महंगे उपकरण गायब पाए गए। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व निदेशक डॉ. रविकांत, एडिशनल प्रोफेसर डॉ. राजेश पसरीचा और स्टोर कीपर रूप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सीसीयू निर्माण में फर्जी प्रमाणपत्र
सीबीआई जांच में खुलासा
सीबीआई ने जब औचक निरीक्षण किया तो पाया कि दरवाजे बंद थे और लिखा था कि “सीसीयू प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है।” निरीक्षण में देखा गया कि उपकरण बेतरतीब पड़े थे, फर्श टूटा हुआ था, पर्दे और ऑटोमैटिक दरवाजे नहीं थे। डिफिब्रिलेटर और अन्य जीवनरक्षक उपकरण गायब थे।
गायब पाए गए महंगे उपकरण
सीबीआई ने कुल 1.76 करोड़ 25 हजार 505 रुपये के उपकरण गायब पाए। इनमें शामिल थे:
ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर – 2,79,500 रुपये
सर्जन कंट्रोल पैनल – 5,85,000 रुपये
मोटराइज्ड ब्लेंड विंडो – 5,20,000 रुपये
इलेक्ट्रिकल वर्क – 5,20,000 रुपये
16 बेड के लिए पार्टिशन व पर्दे – 11,440 रुपये
मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम – 98,00,000 रुपये
डिफिब्रिलेटर – 13,30,641 रुपये
सक्शन मशीन – 1,21,781 रुपये
16 एयर प्यूरीफायर – 44,57,143 रुपये
मुकदमा और आगे की कार्रवाई
सीबीआई ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि फर्जी प्रमाणपत्र और उपकरणों की चोरी में कौन-कौन शामिल था। अधिकारीयों ने बताया कि पूरे मामले की पूरी जांच जारी है और दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।